पटना सिटी: जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) रामपुकार यादव ने हत्या के एक मामले में चार आरोपितों को दोषी करार देते हुए शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी . मामला अगमकुआं थाना क्षेत्र से जुड़ा है. आरोपितों ने युवक की हत्या करने के बाद शव को पानी से भरे गड्डे में छुपा दिया था, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद किया. कोर्ट ने इस मामले में दोषी पाते हुए बिक्रम महतो उर्फ बिक्रांत महतो, राजदेव महतो, प्रजापति महतो व गीता देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. अभियुक्त पहाड़ी के निवासी हैं. इस मामले में वादी की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार सिन्हा व अभियोजन पक्ष से शिवनाथ प्रसाद ने बहस की. घटना के सूचक सीवान के करनामा दरियापुर निवासी शिव प्रसाद महतो थे.
उन्होंने अगमकुआं थाना में दर्ज प्राथमिकी में कहा था मि 13 जनवरी, 2010 को उनका पुत्र भीम महतो पहाड़ी स्थित बहन के यहां दही -चूड़ा लेकर गया था. इसके बाद 19 जनवरी, 2010 को राजदेव की पुत्री ने भीम महतो के मोबाइल पर फोन कर बुलाया था. इसके बाद से उसका कहीं पता नहीं चला. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने राजदेव महतो के घर के पास बने गड्डे से भीम की लाश बरामद की थी. पुलिस अनुसंधान में मिले साक्ष्य यह स्पष्ट हुआ कि भीम की हत्या करने के बाद उसकी लाश को गड्डे में डाला गया था. पुलिस ने इसके बाद आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया.
आरोपित बिक्रम महतो उर्फ बिक्रांत महतो को पुलिस ने जब गिरफ्तार कर पूछताछ की, तो सारी बातों का खुलासा हुआ. उसने बताया कि राजदेव महतो की बेटी से भीम महतो का संबंध था. इससे राजदेव महतो नाराज था. इसके बाद धोखे से भीम को बुला कर आरोपितों ने उसकी हत्या कर दी . इस मामले में पांच लोगों की गवाही न्यायालय में हुई .