एमयू में प्राचार्य नियुक्ति घोटाला पूर्व वीसी जेल में रहने से बचने के लिए पीएमसीएच जाने की जुगत भिड़ा रहेजेल डॉक्टर ने पूरी तरह स्वस्थ पाया संवाददाता, पटनामगध विश्वविद्यालय में 2012 में हुए 12 प्राचार्यों की नियुक्ति घोटाले मामले में 23 अभियुक्त अब भी गिरफ्त से बाहर हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए निगरानी विभाग खोजबीन में जुटा हुआ है. वहीं शुक्रवार की देर रात से ही गिरफ्तार होकर बेऊर जेल भेजे गये पूर्व वीसी प्रो. अरुण कुमार पीएमसीएच जाने की जुगत में लगे रहे. वे बार-बार अपना खराब स्वास्थ्य का हवाला देते रहे. शनिवार को जेल के डॉक्टर में उनका चेक-अप किया, तो पूरी तरह से स्वस्थ पाया. इस वजह से उन्हें पीएमसीएच जाने की अनुमति नहीं मिली. परंतु जेल में ही मौजूद डॉक्टर की सघन देखरेख में रखा जा रहा है.उधर अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी में जितनी देरी होगी, उन्हें भागने का उतना ज्यादा मौका मिलेगा. खासकर इस पूरे प्रकरण के तीन अन्य मास्टरमाइंडों को भागने या अपने को बचाने की जुगत भिड़ाने का मौका मिलेगा. फरार चल रहे तीन मास्टरमाइंडों में पूर्व रजिस्ट्रार डीके यादव, मीटिंग इंचार्ज शमशुल इस्लाम और प्राचार्य प्रो. एसपी शाही शामिल हैं. दूसरी तरफ, निगरानी विभाग मगध विवि में ही तत्कालीन वीसी प्रो. अरुण कुमार के कार्यकाल में ही हुए 22 अन्य प्राचार्यों की नियुक्ति के घोटाला मामले में भी अभियुक्तों की गिरफ्तारी शुरू करने की तैयारी में जुटा हुआ है. इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. गौरतलब है कि इस घोटाले में भी मुख्य अभियुक्त पूर्व वीसी प्रो. अरुण कुमार ही हैं. ये तो निगरानी के हत्थे चढ़ गये, लेकिन अन्य कोई अभियुक्त पकड़ से दूर हैं.
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23 अन्य अभियुक्तों की तलाश में लगा है विजिलेंस
एमयू में प्राचार्य नियुक्ति घोटाला पूर्व वीसी जेल में रहने से बचने के लिए पीएमसीएच जाने की जुगत भिड़ा रहेजेल डॉक्टर ने पूरी तरह स्वस्थ पाया संवाददाता, पटनामगध विश्वविद्यालय में 2012 में हुए 12 प्राचार्यों की नियुक्ति घोटाले मामले में 23 अभियुक्त अब भी गिरफ्त से बाहर हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए निगरानी विभाग खोजबीन […]
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