पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आइजीआइएमएस को सुपर स्पेशयिलिटी सह विश्वस्तरीय चिकित्सा संस्थान बनाया जायेगा. सरकार की कोशिश होगी यह संस्थान मेडिकल सह चिकित्सा शिक्षा का सबसे बेहतर केंद्र हो.
बुधवार को आइजीआइएमएस के मेडिकल कॉलेज भवन के शिलान्यास समारोह में सीएम ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन व हॉस्पिटल निर्माण को मंजूरी दी जा चुकी है. 550 करोड़ की राशि स्वीकृत हो चुकी है. संस्थान अविलंब इसका टेंडर जारी कर काम शुरू कराये. आइजीआइएमएस मेडिकल कॉलेज के निर्माण में लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च होगा. मुंबई की सिको पटेल जेबी कंपनी 20 महीने में मेडिकल कॉलेज का निर्माण करेगी.
कैंसर का होगा इलाज
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आइजीआइएमएस की स्थिति सुधरी है. अस्पताल को छोड़ने की बजाय अब चिकित्सक यहां वापस आ रहे हैं. ट्रेंड बदला है. शीर्ष संस्थान के रूप में इसकी पहचान हो. इसकी कोशिश की जायेगी. टाटा मेमोरियल कैंसर इंस्टीच्यूट और एटोमिक इनर्जी विभाग से बात हुई है. आइजीआइएमएस में कैंसर के इलाज के लिए सुपर स्पेशयिलिटी विकसित किया जायेगा. सरकार की कोशिश है कि इस अस्पताल के विकसित होने के बाद कैंसर से पीड़ित मरीजों को बाहर जाने की आवश्यकता न हो. पीपीपी मोड में ह्रदय, किडनी, लीवर व अन्य जटिल रोगों के इलाज के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. निजी क्षेत्र के लोग भी मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए आगे आएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आइजीआइएमएस में एमबीबीएस कोर्स की अनुमति दी गयी. इस साल एडमिशन देने से एमसीआइ ने इनकार कर दिया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बातचीत हुई.
मुख्य सचिव के स्तर पर अंडरटेकिंग दी गयी तो आइजीआइएमएस, बेतिया व पावापुरी में एडमिशन की अनुमति दी गयी. संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार ने कहा कि 40 वर्षो बाद आइजीआइएमएस में मेडिकल कॉलेज खुला है. कार्यक्रम में उद्योग मंत्री डॉ रेणु कुमारी, विधायक पूनम देवी, सीएम के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी अभयानंद, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव सह सीएम के ओएसडी दीपक कुमार, सीएम के सचिव अतीश चंद्रा सहित संस्थान के सभी कर्मचारी-अधिकारी व चिकित्सक मौजूद थे.