Advertisement
इंदिरा आवास से भी धोंगे हाथ
केंद्र सरकार अब 50 फीसदी राशि ही देगी, राज्य सरकार ने जताया विरोध केंद्र अपने अंशदान को कम करके राज्यों पर इसका बोझ डाल रहा : श्रवण पटना : इंदिरा आवास के लिए पर अब केंद्र सरकार मात्र 50फीसदी राशि देगी, जबकि 50 फीसदी राज्य सरकार को खर्च करना पड़ेगा. चालू वित्तीय वर्ष से इसे […]
केंद्र सरकार अब 50 फीसदी राशि ही देगी, राज्य सरकार ने जताया विरोध
केंद्र अपने अंशदान को कम करके राज्यों पर इसका बोझ डाल रहा : श्रवण
पटना : इंदिरा आवास के लिए पर अब केंद्र सरकार मात्र 50फीसदी राशि देगी, जबकि 50 फीसदी राज्य सरकार को खर्च करना पड़ेगा. चालू वित्तीय वर्ष से इसे लागू कर दिया गया है.
पहले इसमें केंद्र व राज्य का अंश 75:25 था. केंद्र प्रायोजित इंदिरा आवास योजना में राज्यांश में 50 प्रतिशत वृद्धि पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा कि इसका परिणाम राज्य सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर सीधा पड़ेगा. वह शुक्रवार को केंद्रीय पदाधिकारियों की मौजूदगी में इंदिरा आवास, मनरेगा और अन्य योजनाओं की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. श्रवण कुमार ने बताया कि इंदिरा आवास योजना में केंद्र सरकार का 75 फीसदी, जबकि राज्य सरकार का अंशदान 25 फीसदी होता था.
केंद्र सरकार अपने अंशदान को कम करके राज्यों पर इसका बोझ डाल रही है. साथ ही केंद्र सरकार इंदिरा आवास के लक्ष्य में कटौती भी कर दी है. राज्य में 38 लाख परिवार है, जिनके पास रहने के लिए सिर्फ कहने को घर है. ऐसे परिवारों के पास या तो बांस या ठठरी पर घास-फूस डाल कर तैयार किया गया घर है. कई परिवार तो बांस के खंभों पर पॉलिथिन शीट डाल कर रह रहे हैं. केंद्र सरकार कहती है कि 2022 तक सभी को रहने के लिए मकान दे दिया जायेगा. इधर मानक बदल कर बिहार को महज दो लाख 80 हजार कर दिया है.
इस अनुपात में बिहार के आवासहीनों के लिए इंदिरा आवास निर्माण कराया जाये, तो 30 वर्षो से अधिक समय लगेगा. राज्य सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं. केंद्र सरकार अगर इंदिरा आवास का 50 फीसदी बोझ राज्य पर डालती है, तो इसका सीधा कुप्रभाव अन्य योजनाओं पर पड़ेगा. इस दिशा में केंद्र सरकार को बिहार जैसे राज्य का ख्याल रखते हुए न सिर्फ केंद्र सरकार को अधिक-से-अधिक बोझ उठाना चाहिए, बल्कि लाभार्थियों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि करनी चाहिए.
बैठक में उन्होंने मौजूद डीडीसी सहित सभी पदाधिकारियों को 12 लाख 67 हजार इंदिरा आवास के कार्य को पूर्ण कराने की जिम्मेवारी सौंपी. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य के 70 फीसदी आवासों का निर्माण कार्य तीन माह में पूरा हो जाना चाहिए.
अगर आवास निर्माण में समय-सीमा का पालन नहीं किया गया, तो जिम्मेवार पदाधिकारियों को चिह्न्ति कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इस बैठक में डीडीसी के अलावा केंद्र सरकार के पदाधिकारी अमरजीत सिन्हा भी मौजूद थे.
मनरेगा में भी कटौती
मनरेगा में भी कटौती किये जाने पर मंत्री श्रवण कुमार ने आपत्ति जतायी. कहा कि बिहार ने 2200 करोड़ का प्रस्ताव दिया था. केंद्र ने लक्ष्य को घटा कर 1187 करोड़ स्वीकृत किया और अभी मात्र राज्य को 960 करोड़ दिये गये हैं. समय पर राशि नहीं मिलने का सीधा विपरीत असर योजनाओं पर पड़ती है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement