— मतदाताओं पर कितना पड़ता है प्रलोभन का असर पर सौंपनी है रिपोर्टपटना. विधानसभा चुनाव के पहले भारत निर्वाचन आयोग यह जानने की कोशिश में जुट गया है कि चुनाव में धनबल के कारण मतदान को कितना प्रभावित किया जाता है, जिन विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार बेहिसाब खर्च कर कैसे मतदाताओं को प्रभावित करते हैं. प्रलोभन का क्या-क्या प्रकार होता है. इसका असर मतदान पर किस तरह से पड़ता है. आयोग ने इस तरह के शोध की जिम्मेवारी चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान को सौंपी है. चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान के शोधकर्ताओं के साथ सोमवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बैठक कर आवश्यक निर्देश दिया. इधर,चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान के निदेशक बी मुकुंद प्रसाद ने बताया कि शोध अध्ययन के लिए महज 45 दिनों का समय निर्धारित किया गया है. इस दौरान राज्य के कुल 243 विधानसभा क्षेत्रों में अध्ययन कराया जायेगा. इसके लिए कुल छह हजार लोगों से बातचीत कर आंकड़ा तैयार किया जायेगा. उन्होंने बताया कि आयोग का खास निर्देश है कि राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में इस बात का पता लगाना कि इतना खर्च होने के बाद भी मतदान का प्रतिशत कम क्यों रहता है. किसी विधानसभा क्षेत्र के खास बूथ पर मतदान 20 फीसदी से कम रहता है,तो किसी विधानसभा के खास बूथ पर मतदान का प्रतिशत 80-90 फीसदी तक चला जाता है. इस तरह के बेमेल मतदान की असली वजह क्या है. लोकतंत्र में अधिकतम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए. अब तो इस तरह के आंकड़े अध्ययन के बाद ही साफ हो सकेंगे. अध्ययन टीम में संस्थान के वरिष्ठ शोधकर्ता को जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
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चुनाव आयोग ने चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान को सौंपी जिम्मेवारी
— मतदाताओं पर कितना पड़ता है प्रलोभन का असर पर सौंपनी है रिपोर्टपटना. विधानसभा चुनाव के पहले भारत निर्वाचन आयोग यह जानने की कोशिश में जुट गया है कि चुनाव में धनबल के कारण मतदान को कितना प्रभावित किया जाता है, जिन विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार बेहिसाब खर्च कर कैसे मतदाताओं को प्रभावित करते हैं. […]
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