संवाददाता, पटनाबिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा है कि हैरत की बात है कि चार किसानों की खुदकुशी के बावजूद जदयू सरकार के मुखिया या किसी भी मंत्री ने दुख जताने के लिए कोई बयान तक नहीं दिया. उन्होंने कहा कि जदयू सरकार के मुखिया को तो पिछले कुछ दिनों से विलय या गंठबंधन या मोर्चा पर बैठक करने और बयान देने के अलावा कोई काम ही नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि बिहटा के किसानों को भूमि अधिग्रहण का एक परियोजना-एक रेट के आधार पर भुगतान में सरकार को अब और अधिक देर नहीं करनी चाहिए. सरकार भूकंप और आपदा पीडि़तों को मुआवजा वितरण और धान खरीद के बकाया भुगतान के मामले में भी ज्यादा देर हो रही है. यादव ने कहा कि जदयू सुप्रीमों ने जनादेश, जनता की भावनाओं और खुद अपने सिद्धांतों की तिलांजलि देकर राजद और कांग्रेस से दोस्ती तो कर ली, लेकिन अब अपने गलत फैसले पर पछता रहे हैं. हमने कहा था कि राजद और जदयू का इतिहास घात-प्रतिघात-विश्वासघात का रहा है. भाजपा के साथ गंठबंधन के दौरान जदयू सुप्रीमों को पद, प्रतिष्ठा सब हासिल हुआ. अब जदयू सुप्रीमो बताएं कि राजद और कांग्रेस के साथ दोस्ती करके उन्हें क्या हासिल हुआ? न विलय हुआ, न गंठबंधन हो रहा है, न जदयू सुप्रीमों को नेता मानने या बतौर नेता चुनाव मैदान में उतारने को कोई तैयार है. राजद की धमकियों के आगे जदयू को न सिर्फ विधान परिषद बल्कि विधानसभा चुनाव में भी अपनी सीटें छोड़नी पड़ेंगी.
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बिहटा के किसानों को भुगतान में अब देरी करे सरकार: नंद किशोर
संवाददाता, पटनाबिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा है कि हैरत की बात है कि चार किसानों की खुदकुशी के बावजूद जदयू सरकार के मुखिया या किसी भी मंत्री ने दुख जताने के लिए कोई बयान तक नहीं दिया. उन्होंने कहा कि जदयू सरकार के मुखिया को तो पिछले कुछ दिनों […]
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