पटना: राज्य के पीजी चिकित्सकों को तीन वेतनवृद्धि मिल सकती है. जबकि, विशेषज्ञ चिकित्सकों को पीबी-दो में 5400 का वेतनमान और सुपर स्पेशियलिटी के चिकित्सकों को छह अतिरिक्त वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है. दंत चिकित्सकों की नियमित बहाली होगी और अनुबंध पर काम करनेवाले वर्तमान चिकित्सकों को बहाली में प्राथमिकता मिलेगी. ये घोषणाएं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ द्वारा रवींद्र भवन में आयोजित ‘स्वास्थ्य समागम बिहार’ में कीं. उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में आइसीयू व सब डिवीजन अस्पतालों में एमआरआइ की व्यवस्था और सभी मेडिकल कॉलेज सुपर स्पेशियिलिटी हों, ऐसी सरकार की मंशा है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन किया जायेगा. इसके लिए विधि विभाग से राय ली जा रही है.
दवा बिक्री पर नहीं लगे टैक्स
डॉ एसएन आर्या ने नकली दवा बनानेवालों को फांसी देने, जेनेरिक दवा और दवाओं की बिक्री से टैक्स नहीं वसूलने का मामला उठाया. डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा ने ग्रामीण चिकित्सकों का सदुपयोग करने की सलाह दी. भासा के डॉ अजय कुमार ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य सेवा का कोई विकल्प नहीं है. आइएमएस के पूर्व सचिव डॉ राजीव रंजन ने आंध्रप्रदेश की तर्ज पर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट में बदलाव करने की मांग की.
आइएमए के अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन ने कहा कि अक्तूबर तक बिहार पोलियोमुक्त हो जायेगा, तो फरवरी, 2014 में देश में घोषित होगा. कुर्जी होली फैमिली की सिस्टर जैकलिन ने चिकित्सा को व्यवसाय के बजाय सेवा समझने की अपील की. डॉ सत्यजीत ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है. जो प्रतिकूल परिस्थिति में काम कर चुके हैं, उन्हें सहायता दी जाये. कांट्रैक्ट डॉक्टर्स एसोसिएशन के डॉ अमिताभ ने नियमित करने की मांग की. आयुष के डॉ मधुरेंद्र पांडेय ने मानदेय बढ़ाने की मांग की. स्वागत भाषण में जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ एलबी सिंह ने बिहार में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रों में हुए कार्यो को रखा. धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश उपाध्यक्ष सह नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कुमार सिंह ने किया. मौके पर डॉ सहजानंद, डॉ कैप्टन विजय शंकर सिंह, डॉ संजीव रंजन कुमार सिंह, डॉ बसंत सिंह, मीडिया प्रभारी अशोक कुमार व डॉ वर्षा सिंह मौजूद थे.