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715 वित्त रहित हाइस्कूलों में 464 को अनुदान नहीं

पटना: राज्य के 715 वित्त रहित हाइस्कूलों में से 464 स्कूलों को अब तक अनुदान नहीं दिया गया है. बिहार सरकार की ओर से अब तक मात्र 251 स्कूलों को ही अनुदान गया है. 715 में करीब 150 स्कूलों को राशि के अभाव में अनुदान नहीं दिया जा रहा है, जबकि 300 से ज्यादा स्कूलों […]

पटना: राज्य के 715 वित्त रहित हाइस्कूलों में से 464 स्कूलों को अब तक अनुदान नहीं दिया गया है. बिहार सरकार की ओर से अब तक मात्र 251 स्कूलों को ही अनुदान गया है. 715 में करीब 150 स्कूलों को राशि के अभाव में अनुदान नहीं दिया जा रहा है, जबकि 300 से ज्यादा स्कूलों का थर्ड पार्टी की रिपोर्ट के इंतजार में राशि देने की अनुमति ही नहीं मिल पायी है. यही हाल वित्त रहित इंटर और डिग्री कॉलेजों का भी है. 500 वित्त रहित इंटर कॉलेजों में से 350 और 240 डिग्री कॉलेजों में से 150 कॉलेजों को ही अनुदान दिया जा सका है.

शिक्षा विभाग जहां जिलों से रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है और रिपोर्ट के आधार पर अनुदान देने की बात कर रहा है. वित्त रहित हाइ स्कूलों को 2007-08 का अनुदान 2010 में, 2008-09 का अनुदान 2011 में दिया गया था, लेकिन 2009-10 का अनुदान देने की मंजूरी सितंबर 2013 में ही दे दी गयी, लेकिन अब तक उसका भुगतान सौ फीसदी नहीं हो सका है. वर्ष 2007-08 में 28 करोड़, 2008-09 में 38 करोड़ रुपया अनुदान के रूप गया, जबकि 2009-10 में मात्र 19 करोड़ रुपये ही स्वीकृत किये गये हैं. उधर, इंटर व डिग्री कॉलेजों का हाल भी जुदा नहीं है. डिग्री कॉलेजों के लिए 108 करोड़ और इंटर कॉलेज व हाइस्कूलों के लिए एक साथ 285 करोड़ रुपये स्वीकृत हैं, लेकिन राशि 70 फीसदी कॉलेजों को ही जा पायी है. जिलों में थर्ड पार्टी यानी जिला शिक्षा पदाधिकारी को वित्त रहित हाइस्कूल, इंटर व डिग्री कॉलेजों की जांच का जिम्मा दिया गया है.

जैसे-जैसे रिपोर्ट आ रही है राशि का भुगतान किया जा रहा है. जिलों को कई बार इसमें तेजी लाने का निर्देश भी दिया गया है.
वित्त रहित हाइ स्कूल के शिक्षकों के लिए 2009-10 में करीब 50 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में दिये जाने थे, लेकिन नहीं दिया गया. मात्र 19 करोड़ रुपये दिये गये हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की सरकार ने वित्त रहित शिक्षकों के समायोजन और नियोजित शिक्षकों के समान वेतन देने की घोषणा भी की, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने उसे निरस्त कर दिया.
राजकिशोर साधु, प्रांतीय संयोजक, बिहार माध्यमिक शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ
वित्त रहित इंटर व डिग्री कॉलेजों में शिक्षक व कर्मचारी पिछले 25-30 सालों से काम कर रहे हैं. अब तक दो बार अनुदान मिला है, जबकि तीसरी बार अनुदान दिया जा रहा है. सरकार अनुदान ना देकर सभी शिक्षकों व कर्मचारियों की सेवा सामंजित करे और वित्त रहित इंटर व डिग्री कॉलेजों का सरकारीकरण हो. रामविनेश्वर सिंह
अध्यक्ष, वित्त रहित शिक्षा संयुक्त मोरचा

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