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कोर्ट के आदेश की आड़ में सड़क पर लाने की साजिश
पीयू में क्वार्टर खाली करने के आदेश के बाद कर्मियों में आक्रोश प्रशासन ने कुछ समय पहले ही एलॉट किया था क्वार्टर पटना : पटना विश्वविद्यालय में शिक्षक क्वार्टर खाली करने के आदेश के बाद कर्मचारियों में आक्रोश है. कर्मचारियों को यह बात समझ में नहीं आ रही है कि आखिर उन्हें क्वार्टर खाली करने […]
पीयू में क्वार्टर खाली करने के आदेश के बाद कर्मियों में आक्रोश
प्रशासन ने कुछ समय पहले ही एलॉट किया था क्वार्टर
पटना : पटना विश्वविद्यालय में शिक्षक क्वार्टर खाली करने के आदेश के बाद कर्मचारियों में आक्रोश है. कर्मचारियों को यह बात समझ में नहीं आ रही है कि आखिर उन्हें क्वार्टर खाली करने का नोटिस क्यों दिया जा रहा है जबकि कुछ वर्ष पहले विश्वविद्यालय ने ही सभी कर्मचारियों को क्वार्टर एलॉट किया गया था.
कर्मचारियों का आरोप है कि न्यायालय के आदेश की आड़ में उन्हें सड़क पर लाने की साजिश चल रही है. कर्मचारियों का कहना है कि न्यायालय का आदेश अनधिकृत रूप से रह रहे लोगों को हटाने का है न कि वास्तविक लोगों को. ऐसे में कर्मचारी सड़क पर आ जायेंगे और उन्हें सिर छुपाने को भी जगह नहीं मिलेगी.
पटना विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उमेश प्रसाद ने कहा कि विवि जान बूझ कर कर्मचारियों को परेशान करने के उद्देश्य से इस तरह का कदम उठा रहा है. कर्मचारियों ने अपने पैसे से क्वार्टर की मरम्मत करायी थी. कर्मचारी एवज में हाउस रेंट भी देते हैं. फिर भी विवि को इसमें आपत्ति है. अगर बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये कदम उठाने पर विरोध होगा. संघ 22 मई को कार्यकारिणी की बैठक में भी इस मुद्दे को रखेगा.
डीएम ने 15 तक अतिक्रमण हटाने का दिया आदेश
कोर्ट के आदेश के बाद डीएम ने एडीएम को अतिक्रमण मुक्ति के लिए कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है. उन्होंने विवि परिसर की जमीन के संदर्भ में प्रतिवेदन तैयार करने और अतिक्रमण के हिस्से को चिह्न्ति कर सीओ के माध्यम से नोटिस भेजने का भी निदेश दिया है.
जिला नियंत्रण कक्ष और सीनियर एसपी कार्यालय को पर्याप्त संख्या में पुलिस बल एवं दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति के लिए लिखा गया है. 15 जून तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है. 17 जून तक हाइकोर्ट में अपर महाधिवक्ता के माध्यम से प्रतिशपथ पत्र दायर किया जाये.
गोलखपुर में एक भी मकान चिह्न्ति नहीं
पटना : पटना विश्वविद्यालय ने एनआइटी के समीप गोलखपुर में एक भी मकान को चिह्न्ति कर नोटिस नहीं भेजा है जबकि सबसे अधिक गोलखपुर में ही अतिक्रमण है. विवि से मिली जानकारी के अनुसार करीब 20 एकड़ जमीन विवि की वहां है जिसपर अनधिकृत कब्जा है. पूर्व रजिस्ट्रार प्रो बलराम तिवारी ने वर्क्स डिपार्टमेंट को काम करने का निर्देश दिया था,लेकिन इस ओर अब तक कुछ भी नहीं किया गया है. विवि ने अब तक 276 जगहों पर अतिक्रमण को चिह्न्ति किया है.
वह अतिक्रमण का काफी छोटा हिस्सा है. इससे कई गुना अधिक विश्वविद्यालय की जमीन गोलखपुर में अतिक्रमित है जिस पर विवि की ओर से अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी है. इसके अतिरिक्त भी कई जगहों पर अतिक्रमण को चिह्न्ति नहीं किया गया है. कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उमेश सिंह ने कहा कि कार्रवाई करनी है,तो सभी लोगों पर करें. कर्मचारियों को टारगेट नहीं किया जाये.
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