नारद स्मृति समारोह में सम्मानित किये गये पत्रकारसंवाददाता, पटनाएनबीटी के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि मातृभाषा केवल संवाद कायम करने का माध्यम नहीं बल्कि मां के द्वारा सहज रूप से बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण करने वाली ऊर्जा भी है. उन्होंने विविध ग्रंथ एवं महापुरुषों के जीवन संदर्भ के माध्यम से इस विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला. रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद के जीवन के उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा की चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत में कई भाषाएं हैं,लेकिन भाषाओं में विरोध नहीं है. विविधता के बीच एकात्मता को स्थापित करने वाले तत्व यहां की संस्कृति में मौजूद है. विश्व संवाद केंद्र की ओर से ‘बिहार में मीडिया’ नामक स्मारिका का भी विमोचन किया गया. विश्व संवाद केंद्र के संपादक संजीव कुमार के संपादन में प्रकाशित इस स्मारिका में बिहार में जिला स्तर पर पत्रकारिता से संबंधित जानकारी दी गई हैं. वहीं विश्व संवाद केंद्र ने पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया. मौके पर अमलेन्दु नारायण सिन्हा को समर्पित पत्रकारिता के लिए देशरत्न डा राजेंद्र प्रसाद पत्रकारिता शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया. केशव राम भट्ट पत्रकारिता सम्मान पत्रकार शैलेश कुमार सिंह को और बाबूराव पटेल रचनाधर्मिता सम्मान राकेश रौशन को दिया गया. संवाद केंद्र के न्यासी डॉ संजीव चौरसिया ने विश्व संवाद केंद्र के गतिविधियों पर प्रकाश डाला.
मातृभाषा देती है संस्कार: बलदेव
नारद स्मृति समारोह में सम्मानित किये गये पत्रकारसंवाददाता, पटनाएनबीटी के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि मातृभाषा केवल संवाद कायम करने का माध्यम नहीं बल्कि मां के द्वारा सहज रूप से बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण करने वाली ऊर्जा भी है. उन्होंने विविध ग्रंथ एवं महापुरुषों के जीवन संदर्भ के माध्यम से इस विषय […]
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