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चेतावनी: पटना में पहुंच रही है सूर्य की अल्ट्रा वॉयलेट किरण

पटना: अब तक अमेरिका और दूसरे बड़े देशों व शहरों में ही अल्ट्रा वायलेट रे (परा बैंगनी किरण) सूर्य की किरणों में पाये जाने की बात सुनने को मिलती थी, लेकिन अब पटना में भी सूर्य की किरणों में इसके मौजूद होने का प्रमाण मिलने लगा है. हम लोगों को डरा नहीं रहे हैं, बल्कि […]

पटना: अब तक अमेरिका और दूसरे बड़े देशों व शहरों में ही अल्ट्रा वायलेट रे (परा बैंगनी किरण) सूर्य की किरणों में पाये जाने की बात सुनने को मिलती थी, लेकिन अब पटना में भी सूर्य की किरणों में इसके मौजूद होने का प्रमाण मिलने लगा है. हम लोगों को डरा नहीं रहे हैं, बल्कि यही हकीकत है.

पटना मौसम विभाग की मानें तो अब पटना में अल्ट्रा वायलेट किरण की मौजूदगी होने लगी है. ऐसे में इससे पब्लिक को बचने की जरूरत है. खास कर स्कीन डिजीज वाले लोगों को तीखी धूप से बचना आवश्यक होगा. मौसम विभाग के अनुसार जिस दिन धूप अधिक होती है, उस दिन सूर्य की किरणों में अल्ट्रा वायलेट की मौजूदगी पायी गयी है. बताया जा रहा है कि भारत खासकर पटना के ऊपर ओजोन लेयर कमजोर होता जा रहा है, जिससे यहां धरती के ऊपर अल्ट्रा वायलेट किरण पहुंच रही है.

एयरपोर्ट परिसर में है यूवी रेडियो मीटर
केंद्रीय मौसम विभाग की ओर से पटना एयरपोर्ट स्थित मौसम विभाग के परिसर में यूवी रेडियो मीटर लगाया गया है. केंद्रीय मौसम विभाग के अनुसार पटना में पिछले दो सालों से काफी तीखी धूप हो रही है. ऐसे में मौसम वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरण में अल्ट्रा वायलेट रे के आने का शक जताया. इसके बाद यूवी रेडियो मीटर लगाया गया. यूवी रेडियो मीटर की रिकॉर्डिग में जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे मौसम विभाग का शक सही साबित होने लगा है.
सामान्य से पांच प्वाइंट अधिक का प्रमाण
पिछले छह माह से मौसम विभाग की ओर से पटना के वातावरण से सूर्य की किरणों में मौजूद अल्ट्रा वायलेट रे की रिकॉर्डिग यूवी रेडियो मीटर के माध्यम से की जा रही हैं. इसमें कई दिन धूप में अल्ट्रा वायलेट रे की मौजूदगी पायी गयी है. एक से दस मई तक के आंकड़े से पता चलता है कि यूवी किरण अपने नॉर्मल लेवल से पांच प्वाइंट अधिक है. मौसम विभाग के अनुसार दो और तीन मई को तो यूवी किरण का लेवल छह व सात प्वाइंट अधिक था. इसी तरह चार मई को पांच प्वाइंट, पांच मई को तीन प्वाइंट और नौ मई को एक प्वाइंट बढ़ा हुआ पाया गया. मौसम विभाग का मानना है कि बढ़ रही गरमी में अब सिर्फ सन बर्न का ही खतरा नहीं है, बल्कि यूवी किरण से कई तरह की क्रॉनिकल डिजीज होने की भी आशंका बढ़ जायेगी. ऐसे में अब तेज धूप में निकलने से बचने की जरूरत है. यदि निकलना जरूरी है तो फिर पूरे शरीर को ढंक कर निकलिये.
तीन स्तरों पर होती है जांच
अल्ट्रा वायलेट रे की रिकॉर्डिग मौसम विभाग तीन
स्तरों पर करता है. ए, बी और सी में बी की रिकॉर्डिग पूरी तरह से अल्ट्रा वायलेट रे को लेकर होता है. 24 घंटे हो रही इस रिकॉर्डिग में मौसम विभाग सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक पड़ने वाली किरणों के आंकड़े लिये जाते हैं. मौसम विभाग की मानें तो यूवी किरण बी का सामान्य लेवल 20 से 21 मिली वाट प्रति सेंटीमीटर स्क्वायर होता है, लेकिन कई दिन ऐसा देखा जाता है कि यह नॉर्मल से अधिक हो जाता है.
अल्ट्रावायलेट किरण से जुड़ी हर जरूरी जानकारी
एएन कॉलेज के केमेस्ट्री के प्रोफेसर सुभाष प्रसाद ने बताया कि अल्ट्रावायलेट एक किरण है जो सूर्य से निकलती है. इस खतरनाक किरण को पृथ्वी तक आने से रोकने के लिए वायुमंडल की एक परत रोकती है जिसे ओजोन कहते हैं. ओजोन परत के नुकसान होने पर यह किरण धरती पर पहुंच कर लोगों को नुकसान पहुंचाती है. अल्ट्रावायलेट किरणों की दो कैटिगरी होती हैं. यूवीए और यूवीबी. यूवीए किरणों ज्यादा खतरनाक होती हैं क्योंकि ये त्वचा पर लंबे समय तक रहने वाले असर छोड़ती हैं. दूसरी ओर यूवीबी किरणों सनबर्न और फोटो एजिंग के लिए जिम्मेदार होती हैं. एक्सर्पट्स के मुताबिक, सनस्क्र ीन यूवीबी किरणों को मामूली रूप से फिल्टर करता है जबकि सनब्लॉक में जिंक ऑक्साइड होता है जो दोनों तरह की किरणों से त्वचा की रक्षा करता है.
परेशानी
अल्ट्रा वायलेट किरणों से गोरे स्कीन में सांवलापन आने लगता है. इससे समय से पूर्व स्कीन में सिकुडन और झूरियां आने लगती है. स्किन डिजीज बढ़ जायेंगे. त्वचा के कैंसर तक का खतरा. जेनेटिक बीमारियों की संभावना. डायरेक्ट व इन डायरेक्ट तरीके से शरीर को नुकसान. पशु-पक्षियों को भी नुकसान.
बचाव के तरीके
एंटिऑक्सिडेंट्स से प्यार: अपने खाने में खूब सारे बेरी, संतरे, आंवला और हरी सिब्जयों जैसी वे चीजें भरपूर मात्र में लें, जिनमें ऐंटिऑक्सिडेंट्स होते हैं.
छतरी का इस्तेमाल : धूप की खतरनाक किरणों से बचाने में छतरी रूपी सनस्क्रीन का जवाब नहीं.
कूल कॉटन: आजकल मार्केट में कॉटन के दुपट्टों की भरमार है, जो त्वचा को बचाकर रख सकते हैं.
सनग्लासेज और पानी साथ: गर्म हवा और धूप में बाहर निकलते समय आंखों पर बड़े फ्रेम वाले गॉगल्स लगाएं. बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें.
एक से दस मई के बीच यूवी रे के आंकड़े
1 मई – 17.41 मिली वाट
2 मई – 26.26 मिली वाट
3 मई – 27.02 मिली वाट
4 मई – 25. 86 मिली वाट
5 मई – 23.88 मिली वाट
6 मई – 21.62 मिली वाट
7 मई – 16. 26 मिली वाट
8 मई – 20.82 मिली वाट
9 मई – 22.21 मिली वाट
10 मई – 19. 52 मिली वाट
(नोट – मौसम विभाग के अनुसार 20 व 21 मिली वाट से अधिक के आंकड़े सूर्य की किरणों में अल्ट्रा वायलेट की मौजूदगी होने का प्रमाण है.)

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