हरेक किसान को अंचल में हल्का कर्मचारियों या अंचल निरीक्षक से प्रमाणित करा कर कटाना होता है. इसके कारण अंचल में अचानक किसानों की भीड़ बढ़ गयी है. कर्मचारियों की कमी के कारण रसीद कट नहीं रहे हैं और इस वजह से किसानों को मुआवजा प्राप्त करने में दिक्कत हो रही है. अभी मसौढ़ी और बाढ़ अंचल में इसके लिए काफी विवाद भी हो चुका है. अब प्रशासन ने इन शिकायतों को देखते हुए अंचल स्तर पर कैंप लगाने का फैसला किया है.
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मुआवजा पाने में मालगुजारी रसीद बनी बाधा
पटना: ओला वृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान करने में रसीद बाधा बनती नजर आ रही है. मुआवजा उन्हीं किसानों को दिया जा रहा है जो राजस्व भू-अभिलेख के अनुसार जोत के मालिक हों और जिनके पास इसके कागजी प्रमाण हों. इसके लिए हरेक किसान को मालगुजारी की अप टू डेट रसीद देनी है. […]
पटना: ओला वृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान करने में रसीद बाधा बनती नजर आ रही है. मुआवजा उन्हीं किसानों को दिया जा रहा है जो राजस्व भू-अभिलेख के अनुसार जोत के मालिक हों और जिनके पास इसके कागजी प्रमाण हों. इसके लिए हरेक किसान को मालगुजारी की अप टू डेट रसीद देनी है. रसीद के साथ उनके बैंक अकाउंट की डिटेल्स ली जा रही है. इसमें मुआवजे की राशि भेजी जा रही है.
सूची पर आपत्ति हो, तो कमेटी को दीजिए जानकारी
मुआवजा के लिए तैयार किये गये किसानों की सूची पर यदि आपको आपत्ति हो तो आप पंचायत राहत अनुश्रवण समिति के सामने शिकायत दर्ज करा सकते हैं. बीडीओ द्वारा तैयार किसानों की सूची तो वितरण के तीन दिन पूर्व पंचायत राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति को उपलब्ध भी करायी गयी थी. यही सूची बाद में जिला के वेबसाइट और संबंधित अंचल के सूचना पट्ट पर भी लगायी गयी थी. समिति में मुखिया, वार्ड के सदस्य गण, विगत चुनाव में मुखिया पद के प्रतिद्वंद्वी, सभी राजनैतिक दलों के एक-एक प्रतिनिधि, पंचायत समिति के सदस्य जो पंचायत के निवासी हों और पंचायत सेवक/राजस्व कर्मचारी शामिल थे. इन्हें आप लिखित शिकायत पूरे प्रमाण के साथ दर्ज करा सकते हैं, इसकी कॉपी आपदा शाखा और जिलाधिकारी को भी भेजिए.
बटाईदारों के एकरारनामा बनने में भी समस्या
इसके साथ ही बटाईदार की स्थिति में भू मालिक और बटाईदार के बीच लिखित एकरारनामा की स्थिति में ही अनुदान राशि दोनों के बीच उसी अनुपात में वितरित करने का निर्देश प्राप्त हुआ है. इसके लिए तैयार किसानों की सूची को हल्का कर्मचारी/अंचल निरीक्षक/ अंचलाधिकारी से सत्यापन कर जमा करना जरूरी है. अंचलों में एकरारनामों के सत्यापन में भी इसी वजह से देर हो रही है. कैंप में एकरारनामों का भी समाधान कर दिया जायेगा.
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