संवाददाता,पटनाहिंदू धर्म में मुहूर्त का विशेष महत्व है. ज्योतिष के अनुसार कुछ नक्षत्रों को स्वयंसिद्ध तो, कुछ को अशुभ मुहूर्त की श्रेणी में माना गया है. हिंदू धर्म के अनुसार पंचक अशुभ ग्रहों की श्रेणी में है, जिसमें कुछ विशेष कार्यों को वर्जित किया गया है. पंडित मार्कण्डेय शारदेय के अनुसार इस बार पंचक सोमवार की रात नौ बजे से शुरू हो रहा है, जो 15 मई (शुक्र वार) की रात 1.15 मिनट तक रहेगा. पांच दिनों तक पंचक रहेगा. इस दौरान निर्माण कार्य व दक्षिण दिशा में यात्रा से बचना चाहिए.क्या है पंचक पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहते हैं. इनमें घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्र पद, उत्तरा भाद्र पद एवं रेवती नक्षत्रों के समूह को पंचक कहते हैं. घनिष्ठा के प्रारंभ होने से लेकर रेवती नक्षत्र के अंत समय को पंचक कहते हैं. पांच सावधानियों का रखें ख्याल- पंचक के समय जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो. उस समय घास व लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित नहीं करना चाहिए. इससे अग्नि का भय बना रहता है. – रेवती नक्षत्र के दौरान घर की छत नहीं बनानी चाहिए. इससे धन हानि और क्लेश का योग बना रहता है. – चारपाई नहीं बनाना चाहिए. इससे भारी संकट की आशंका रहती है.- दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए. इस दिशा को यम का दिशा माना गया है. – पंचक के दौरान शव का अंतिम संस्कार करने से पहले पंडितों की राय जरूर लें. साथ ही शव के साथ आटे या कुश के बने पांच पुतले बना कर अर्थी पर रखने से पंचक के दोषों को दूर किया जा सकता है.
BREAKING NEWS
पांच दिनों का पंचक, पांच काम से करें परहेज
संवाददाता,पटनाहिंदू धर्म में मुहूर्त का विशेष महत्व है. ज्योतिष के अनुसार कुछ नक्षत्रों को स्वयंसिद्ध तो, कुछ को अशुभ मुहूर्त की श्रेणी में माना गया है. हिंदू धर्म के अनुसार पंचक अशुभ ग्रहों की श्रेणी में है, जिसमें कुछ विशेष कार्यों को वर्जित किया गया है. पंडित मार्कण्डेय शारदेय के अनुसार इस बार पंचक सोमवार […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement