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मेडिकल प्रोफेशन में अपार संभावनाएं

पटना: मेडिकल व लीगल प्रोफेशन में स्पेशियलिटी की संभावनाएं हैं. दोनों पेशा में व्यक्ति से ठीक से बात कर आर्थिक परेशानी को समझते हुए काम किया जाये, तो इससे काफी यश मिलता है. पहले जब मेडिकल साइंस में आधुनिकता की कमी थी और चिकित्सकों के पास रिसर्च भी नहीं था,तो उस वक्त डॉक्टरों को धरती […]

पटना: मेडिकल व लीगल प्रोफेशन में स्पेशियलिटी की संभावनाएं हैं. दोनों पेशा में व्यक्ति से ठीक से बात कर आर्थिक परेशानी को समझते हुए काम किया जाये, तो इससे काफी यश मिलता है. पहले जब मेडिकल साइंस में आधुनिकता की कमी थी और चिकित्सकों के पास रिसर्च भी नहीं था,तो उस वक्त डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता था.

आधुनिक समाज में लोगों का विश्वास थोड़ा कम हुआ हैं. ऐसे में हमें आध्यात्मिकता और मानव स्वास्थ्य को जोड़ना होगा ताकि एक स्वस्थ समाज की स्थापना हो सके. ये बातें पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस एल. नरसिम्ह रेड्डी ने कहीं. वह रविवार को आध्यात्मिकता और मानव स्वास्थ्य पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

एमसीआइ एकेडमिक कम्युनिटी के चेयरमैन डॉ वेद प्रकाश मिश्र ने कहा कि हार्वर्ड में एक शोध में यह बात सामने आयी है कि हमारे ब्रेन में एक गॉडस एरिया है, जिसका फायदा हमें पूरी जिंदगी मिलता है. अगर हम किसी की परेशानी में शामिल होकर उसकी परेशानी को कम करते हैं, तो इससे खुद का मान बढ़ता है.

इसके लिए मेडिकल से अच्छा कोई प्रोफेशन नहीं होगा. अगर हम अध्यात्म को चिकित्सा से जोड़े, तो विश्व में भारत सबसे आगे होगा और डॉक्टरों का विश्वास बढ़ेगा. डॉ राजीव रंजन ने कहा कि डॉक्टरों के पास अब ज्ञान की कमी नहीं है. अगर डॉक्टर चाहे, तो ईमानदारी से काम करते हुए लोगों का विश्वास जीत सकते हैं. मौके पर डॉ एस.एन.आर्या, डॉ सीपी ठाकुर, डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, डॉ कैप्टन वी.एस.सिंह, डॉ रमेश प्रसाद सिंह, डॉ बसंत सिंह, डॉ अरुण कुमार ठाकुर, डॉ मंजु गीता मिश्र, डॉ बीके कारक समेत कई डॉक्टर मौजूद थे.

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