पटना. पटना सदर दियारा भूमि बचाओ संघर्ष समिति ने कहा है कि सरकार किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है. गंगा के किनारे बन रहे मरीन ड्राइव, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व गंगा को निकट लाने के लिए हमारी रैयती जमीन का प्रयोग कर रही है. इसके कारण एक हजार से ज्यादा किसानों की लगभग 1500 एकड़ रैयती जमीन प्रभावित हो रही है. इनका अधिग्रहण किया जा रहा है. लेकिन, मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों की स्थिति दयनीय हो जायेगी. दियारा की भूमि अधिग्रहण व मुआवजा की समस्याओं को लेकर कारगिल चौक पर एकदिवसीय धरना को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष राम पदारथ सिंह ने कहा कि दीघा दियारा से जुड़े किसानों के साथ यह नाइंसाफी है. हमलोग लगातार जमीन का लगान देते आ रहे थे. लेकिन, 2003-04 से दियारा की जमीन का लगान रसीद काटना बंद कर दिया गया. वर्ष 2014 में चंद्रवंशी बनाम बिहार सरकार के मुकदमा के फैसले में हाइकोर्ट ने दियारा की जमीन को रैयत माना और सरकार की दलील खारिज कर दी थी. अभी जब निर्माण शुरू हुआ है, तो अधिग्रहण की कोई बात नहीं सामने आ रही है. मुख्य अतिथि पटना महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज कुमार राजन ने कहा कि किसानों को जब तक लोकसभा और विधान सभा में नहीं भेजा जायेगा, तब तक अन्याय होता रहेगा. मंच संचालन उमेश प्रसाद सिंह और डॉ आरएन सिंह ने किया. मौके पर महासचिव सह प्रवक्ता शशि रंजन और कोषाध्यक्ष उमेश प्रसाद के साथ ही दर्जनों पदाधिकारी गण मौजूद थे.
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किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही सरकार
पटना. पटना सदर दियारा भूमि बचाओ संघर्ष समिति ने कहा है कि सरकार किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है. गंगा के किनारे बन रहे मरीन ड्राइव, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व गंगा को निकट लाने के लिए हमारी रैयती जमीन का प्रयोग कर रही है. इसके कारण एक हजार से ज्यादा किसानों की […]
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