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फिर हरे-भरे होंगे 15 जिलों के वन क्षेत्र
पटना : वन पर्यावरण विभाग ने 15 जिलों के वन क्षेत्रों को फिर से हरा-भरा बनाने का निर्णय लिया है. 15 जिलों के वन क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने के लिए विभाग ने पौधारोपण अभियान चलाने का निर्णय लिया है. 15 जिलों के वन क्षेत्रों के पौधारोपण पर वन विभाग 1. 02 करोड़ रुपये खर्च करेगा. […]
पटना : वन पर्यावरण विभाग ने 15 जिलों के वन क्षेत्रों को फिर से हरा-भरा बनाने का निर्णय लिया है. 15 जिलों के वन क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने के लिए विभाग ने पौधारोपण अभियान चलाने का निर्णय लिया है.
15 जिलों के वन क्षेत्रों के पौधारोपण पर वन विभाग 1. 02 करोड़ रुपये खर्च करेगा. बिहार-झारखंड बंटवारे के बाद रोहतास, कैमूर, गया, नवादा, औरंगाबाद, जमुई, भागलपुर, अररिया, लखीसराय, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, नालंदा, बांका और शेखपुरा में बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई हुई है.
राज्य बंटवारे के बाद सूबे के 15 जिलों में ही सर्वाधिक वन क्षेत्र रह गये हैं. विभाग ने 15 जिलों में वन क्षेत्र के किनारे रह रहे एक-एक परिवार को पांच-पांच पौधे मुफ्त देगा. वन क्षेत्र के आस-पास रहने वाले परिवारों को आम, आंवला और अमरुद के पौधे दिये जायेंगे. पौधारोपण अभियान कहीं से कमजोर न पड़े, इसके लिए वन विभाग सभी परिवारों को पौधारोपण की तकनीकी जानकारी भी देगा.
15 जिलों के एक लाख परिवारों को पौधारोपण की तकनीकी जानकारी देने के लिए वन पर्यावरण विभाग ने तकनीकी पर्यवेक्षकों को गांव-पंचायतों में तैनात करने का भी निर्णय लिया है. पौधा रोपण तकनीक की जानकारी देने सितंबर-अक्तूबर से तकनीकी पर्यवेक्षक 15 जिलों में कैंप करेंगे.
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