तीन सदस्यीय कमेटी में डीजीपी और वरिष्ठ आइएएस अधिकारी भी सदस्य होंगे. कमेटी जांच करेगी. जांच में जो भी अधिकारी और पीडीएस दुकानदार दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई को की जायेगी. सुनवाई के क्रम में सरकार ने वर्ष 2002 से 2006 तक आयुक्त से पंचायत सचिवों के नामों की सूची कोर्ट को सौंपी. कोर्ट ने इसके पहले सरकार को फटकारते हुए कहा था कि निचले अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन बड़े अधिकारी अब भी इससे बाहर रखे गये हैं.
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पीडीएस दुकानदारों को राहत 50% बकाया लौटाएं, तो नहीं होगी कार्रवाई
पटना: पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को पीडीएस दुकानदारों को राहत देते हुए कहा कि यदि बकाये की पचास फीसदी राशि वह सरकार के पास जमा कर दें तो उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं होगी. न्यायाधीश मिहिर कुमार की कोर्ट ने बुधवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और अन्य विभागीय प्रधान सचिवों की मौजूदगी […]
पटना: पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को पीडीएस दुकानदारों को राहत देते हुए कहा कि यदि बकाये की पचास फीसदी राशि वह सरकार के पास जमा कर दें तो उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं होगी. न्यायाधीश मिहिर कुमार की कोर्ट ने बुधवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और अन्य विभागीय प्रधान सचिवों की मौजूदगी में सरकार की कमेटी गठित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यदि वह कमेटी बनायेगी, तो उसके अध्यक्ष पटना उच्च न्यायालय के रिटायर जज होंगे.
मामले में 689 प्राथमिकी दर्ज : मालूम हो कि काम के बदले अनाज योजना के तहत लाभान्वितों को अनाज देने के लिए सरकार ने सभी पीडीएस दुकानों को भारी मात्र में अनाज आवंटित किये थे. कुछ ही दिन बाद यह योजना बंद कर दी गयी. इसके बाद सरकार ने किसी भी दुकानदार से अनाज लौटाने का निर्देश नहीं दिया. जब अनाज पूरी तरह सड़ गल गया, तो अब दुकानदारों से इसके पैसे मांगी जा रही है. मामले में 689 प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वहीं अनाज वापस कराने की जिम्मेवारी बड़े अधिकारियों की भी थी. इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
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