संवाददाता, पटनाबिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि जदयू सुप्रीमो न ही घोषणाओं पर अमल कर रहे हैं और न ही फैसलों पर अमल कर रहे हैं. जिस बिहार को दो साल पहले तक विकास और सुशासन का प्रतीक माना जाता था, जदयू सुप्रीमो ने अपनी महत्वाकांक्षाओं और अहंकार के चलते उसे खत्म कर दिया. उन्होंने कहा कि राजद के समर्थन से सत्ता चलाने की मजबूरी ने उन्हें ठोस और कठोर निर्णय लेने की क्षमता खत्म कर दी. नियोजित शिक्षकों के वेतनमान पर कमेटी बनाना आंख में धूल झोंकना है. सरकार दूसरे राज्यों से रिपोर्ट मंगा चुकी है, मांगें मानने का भरोसा भी दे चुकी है. अब शिक्षकों को जब लगा कि अब घोषणा होगी, तो सरकार ने कमेटी बना कर मामला लटका दिया. इसी तरह गांधी सेतु पर न तो जाम से निबटने के उपाय किये गये, न मरम्मत का काम पूरा हुआ और वैकल्पिक सेतु निर्माण भी अभी प्लानिंग लेवल पर ही लटका हुआ है. उन्होंने कहा कि जून तक हर गांव में बिजली पहुंचाने की घोषणा की गयी, लेकिन मई तक आधे गांवों में भी बिजली नहीं पहुंची है. इसी प्रकार, एक हफ्ते में फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा, 31 मार्च तक 30 लाख मीटरिक टन धान खरीद, 48 घंटे में धान किसानों के खाते में भुगतान जैसी घोषणाओं को पूरा नहीं किया जा सका. राज्य में कानून-व्यवस्था कायम करने की घोषणा का क्या हुआ? अधूरी विकास योजनाओं का क्या हुआ? मुख्यमंत्री के नाम से चलने वाली बदहाल योजनाओं का क्या हुआ ? पहले की घोषणाऍं तो पूरी हुई नहीं और चुनावी साल देखकर मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक जगह-जगह तरह-तरह की घोषणाएं कर रहे हैं.
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नीतीश कुमार नहीं कर रहें घोषणाओं पर अमल: नंद किशोर
संवाददाता, पटनाबिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि जदयू सुप्रीमो न ही घोषणाओं पर अमल कर रहे हैं और न ही फैसलों पर अमल कर रहे हैं. जिस बिहार को दो साल पहले तक विकास और सुशासन का प्रतीक माना जाता था, जदयू सुप्रीमो ने अपनी महत्वाकांक्षाओं और अहंकार के चलते […]
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