पटना: भाद्रपद अमावस्या सह कुश अमावस्या गुरुवार को मनायी जायेगी. अमावस्या बुधवार को संध्या 3.55 से गुरुवार को 4.50 तक रहेगी. इस दिन कुश (विशेष पूजन घास) को तोड़ा जाता है.
कुश का धार्मिक व वैज्ञानिक रूप से विशेष महत्व है. इस दिन कुश की पूजा की जाती है. खास कर सुहागिन महिलाएं इस अमावस्या पर सती की पूजा कर अखंड सौभाग्य व्रती होने की कामना करती है. पंडित मार्कण्डेय शारदे के अनुसार भाद्रपद अमावस्या के दिन कुश काटा जाता है, जिसका उपयोग साल भर होता है.
अन्य दिनों में काटा गया कुश एक दिन के लिए पवित्र होता है, जिससे इस दिन का विशेष महत्व है. इस दिन विवाहित महिलाएं सती की पूजा करती हैं. किसी पवित्र स्थान पर चार पांच महिलाओं के बीच कुश की बनी चटाई पर सुहाग की सभी चीजें व फलों को रख पूजा करती हैं. वे सात बार परिक्रमा कर कुश की चटाई समेत पूजन व फल पंडितों को दान करती हैं. इससे अखंड सौभाग्य वती का आशीर्वाद मिलता है.