हाइकोर्ट ने दिया आदेश, प्रतियोगिता परीक्षा की मेधा सूची से भरे जायेंगे 114 पद

पटना: पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को सीमित प्रतियोगिता परीक्षा की मेधा सूची के आधार पर सचिवालय एं संलग्न सेवाओं में प्रशाखा पदाधिकारी के 114 पद भरने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेडी और न्यायाधीश शिवाजी पांडेय के खंडपीठ ने कहा कि राज्य में पहली बार केंद्र के तर्ज पर प्रतियोगिता परीक्षा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 28, 2015 6:18 AM
पटना: पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को सीमित प्रतियोगिता परीक्षा की मेधा सूची के आधार पर सचिवालय एं संलग्न सेवाओं में प्रशाखा पदाधिकारी के 114 पद भरने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेडी और न्यायाधीश शिवाजी पांडेय के खंडपीठ ने कहा कि राज्य में पहली बार केंद्र के तर्ज पर प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर प्रशाखा पदाधिकारियों की नियुक्ति होगी. खंडपीठ ने इस मामले में दायर एलपीए 863/2014,1267/2014 और 1013/2014 का एक साथ फैसला सुनाया.

सोमवार को इस फैसले को इंटरनेट पर जारी किया गया. कोर्ट के फै सले से 114 सहायकों को प्रशाखा पदाधिकारी में प्रोन्नति मिल जायेगी. 114 अनुशंसित नामों में सामान्य कोटि के 95, एससी के 18 और एसटी कोटि के एक सहायक को प्रशाखा पदाधिकारी बनने का मौका मिलेगा.

खंडपीठ ने कहा कि सचिवालय सेवा के प्रशाखा पदाधिकारी ग्रेड में सीमित प्रतियोगिता परीक्षा की मेधा सूची के आधार पर प्रोन्नति देने का प्रावधान है. वर्तमान में सचिवालय में प्रशाखा पदाधिकारी के 303 पद रिक्त हैं. बीपीएससी ने 15 मई,2010 को इसके लिए विज्ञापन जारी किया था. एक अगस्त,2012 को सीमित प्रतियोगिता परीक्षा हुई और 24 जून, 2014 को परीक्षाफल घोषित किया गया. परीक्षा में 575 उम्मीदवार सम्मिलित हुए थे. आयोग ने 114 उम्मीदवारों की मेधा सूची जारी की थी. बाद में कट ऑफ डेट को लेकर हाइकोर्ट में परीक्षाफल को चुनौती दी गयी. एक अगस्त 2014 को सुनवाई के दौरान तत्कालीन कोर्ट ने अनुशंसित कर्मियों की नियुक्ति पर रोक का आदेश दिया था. हाइकोर्ट के एकलपीठ ने 11 जून 2010 की कट ऑफ डेट को सही ठहराया था.
गौरतलब है कि बिहार सचिवालय सेवा अधिनियम 2007 में प्रशाखा पदाधिकारी ग्रेड में 80 प्रतिशत पदों पर वरीयता सह योग्यता के आधार पर भरा जाना है जबकि 20 प्रतिशत पदों पर बीपीएससी द्वारा आयोजित सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर भरा जाना है. इसके लिए सहायक के पद पर पांच वर्ष से अधिक की नियमित सेवा अनिवार्य है.

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