पटना: भाजपा ने सरकारी आवासों के आवंटन के मामले पर राज्य सरकार से श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है. प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडे ने सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू विधायकों व अधिकारियों सहित 15 सरकारी आवासों के आवंटन को नियम विरुद्ध बताया.
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा सदस्य आवंटन नियमावली 2000 के अनुसार वैसे सदस्य जो मंत्री का पद धारण कर चुके हों या कम-से-कम तीन बार निर्वाचित/मनोनीत हो चुके हों, उन्हें इ-श्रेणी का आवास आवंटन करना है.
इ-श्रेणी के अधिकतर आवास वैसे सदस्यों को आवंटित किया गया है, जो इसके हकदार नहीं हैं. पूर्व विधान पार्षद संजय गांधी व संजय झा को सिर्फ राज्यमंत्री का दर्जा होने के नाते आवास आवंटित किया गया. उसमें आवंटन के एक साल पूर्व से रहने के दौरान उन्हें कितनी बार नोटिस दिया गया, किराया वसूला गया, सरकार को इसकी जानकारी देनी चाहिए.
नियम विरुद्ध आवास
उन्होंने केदारनाथ सिंह, रणधीर कुमार सोनी, अनंत कुमार सिंह, विरेंद्र कुमार सिंह, राहुल कुमार सिंह, अनुज कुमार सिंह, सलमान रागीव, सुनील कुमार पांडे, आइएएस विजय प्रकाश, स्व रामसेवक हजारी व अनिरुद्ध प्रसाद यादव को आवंटित इ-श्रेणी के आवासों को नियम विरुद्ध करार दिया. उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को आवास उपलब्ध कराना विधानसभा अध्यक्ष व राज्य सरकार की जिम्मेवारी है. उन्होंने कहा कि भाजपा व पार्टी विधायकों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा यह कहना कि सेंट्रल पुल के आवास खाली नहीं हैं, जबकि चार आवास 5 पोलो रोड, 6 ऑफ पोलो रोड, 20 एम स्ट्रैंड रोड व 17 एम स्ट्रैंड रोड अब भी खाली है. कॉन्फ्रेंस में विस मुख्य सचेतक अरुण सिन्हा, विधायक विनोद नारायण झा, मीडिया प्रभारी अशोक भट्ट, राजीव व राकेश कुमार सिंह भी उपस्थित थे.