इससे मुख्यमंत्री द्वारा एक माह में नामांकन कराने का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है. इससे बिहार भर के 3.80 लाख बच्चे सीएम अंकल के पत्रों के मिलने का इंतजार कर रहे हैं. मालूम हो कि योजना की घोषणा बिहार दिवस के अवसर पर की गयी थी. इसकी विधिवत शुरुआत दो अप्रैल को शिक्षा विभाग द्वारा की गयी थी. इसके जरिये तीन अप्रैल से चिट्ठियां भेजी जानी थीं.
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सीएम अंकल की चिट्ठी 22 दिनों से भटक रही यहां-वहां !
पटना: बिहार भर के 3.80 लाख ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए नामांकन अभियान की शुरुआत की गयी है. इसके तहत वैसे बच्चों को भी स्कूलों से जोड़ा जायेगा, जो अब तक स्कूल में एडमिशन नहीं लिया है. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभिभावकों के नाम से पत्र लिखा है, जिसमें […]
पटना: बिहार भर के 3.80 लाख ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए नामांकन अभियान की शुरुआत की गयी है. इसके तहत वैसे बच्चों को भी स्कूलों से जोड़ा जायेगा, जो अब तक स्कूल में एडमिशन नहीं लिया है. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभिभावकों के नाम से पत्र लिखा है, जिसमें एक माह में स्कूल से दूर बच्चों का नामांकन कराने की अपील की गयी है. इस घोषणा के 22 दिन बीत गये हैं, लेकिन सीएम के लिखे पत्र अब तक स्कूलों में नहीं पहुंच सके हैं.
पटना जिले में भेजे गये 26948 पत्र : सर्व शिक्षा कार्यालय के अनुसार पटना जिले के लिए कुल 26984 पत्र छपवाये गये हैं. इनमें ग्रामीण इलाके के लिए 23359 व शहरी क्षेत्रों के लिए 3625 पत्र ब्लॉक वाइज बीइओ को भेज दिये गये हैं. बावजूद इसके बीइओ की अनदेखी से इन चिट्ठियों को स्कूलों में नहीं भेजा गया है. ऐसे में स्कूलों में पहुंचने वाली चिट्ठियां अभी भी बीइओ कार्यालय में भटक रही हैं.
बाल पंजी के आधार पर चयन : बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए बाल पंजी को आधार बनाया गया है. इसके जरिये जिले के स्कूल नहीं आनेवाले बच्चों की सूची बनायी गयी है. बीते सितंबर माह में प्रत्येक स्कूल में बाल पंजी तैयार की गयी है. यह पंजी प्रतिवर्ष स्कूल के आसपास के इलाकों में रहनेवाले बच्चों का सर्वे कर इस तरह के डाटा तैयार कर रही है. इसके आधार पर इस वित्तीय वर्ष में पूरे बिहार भर से 3.80 लाख बच्चों के स्कूल से दूर रहने की रिपोर्ट तैयार की गयी. इसके आधार पर शिक्षा विभाग द्वारा इन बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए योजना बनायी गयी.
टेक्स्टबुक ने प्रिंट करायी हैं चिट्ठियां
स्कूलों में बच्चों के नामांकन के लिए बिहार टेक्स्ट्बुक कॉरपोरेशन द्वारा 3.80 लाख चिट्ठियां प्रिंट करायी गयी हैं. इन चिट्ठियों को सर्व शिक्षा कार्यालय द्वारा प्रत्येक जिले के बीइओ पदाधिकारी को भेजा जाना है. बीइओ से संकुल संसाधन व बीआरसी के माध्यम से इन चिट्ठियों को स्कूलों में पहुंचाया जाना है, जहां स्कूल स्तर पर उक्त बच्चों के अभिभावकों को चिट्ठियां भेज नामांकन कराने की अपील की जानी है, लेकिन अब तक राजधानी स्कूलों में सीएम के चिट्ठियां नहीं पहुंच सकी हैं. इससे ये चिट्ठियां अबतक अभिभावकों की पहुंच से भी दूर हैं.
क्या है योजना
इसके जरिये ऐसे बच्चों का नामांकन कराया जाना है, जो स्कूल से दूर हैं. या तो वे नामांकित होने के बाद भी स्कूल नहीं आ रहे हैं अथवा वे अब तक नामांकन नहीं लिये हैं. इन बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए स्कूल स्तर से अभिभावकों को पत्र लिख कर उनसे नामांकन की अपील की जानी है.
सब डाल रहे दूसरे के बॉक्स में
इस काम के लिए पदाधिकारियों को लगाया गया है. बीइओ द्वारा सभी स्कूलों में पत्र भेजे जाने हैं. हालांकि हड़ताल के कारण स्कूल स्तर के कई काम बाधित हैं. फिर भी पदाधिकारियों से जानकारी लेता हूं. शीघ्र ही स्कूल माध्यम से अभिभावकों को चिट्ठियां भेजी जायेंगी.
चंद्रशेखर कुमार, डीइओ, पटना
पटना जिले में कुल 3339 प्रारंभिक विद्यालय हैं. घोषणा के अनुसार इस माह स्कूलों द्वारा अभिभावकों को चिट्ठियां भेजी जानी थी. बावजूद इसके अब तक स्कूलों सीएम द्वारा लिखा पत्र नहीं पहुंच पाया है. इससे नामांकन प्रक्रिया के लिए अब तक स्कूलों द्वारा कोई पहल नहीं हो सकी है.
डॉ भोला पासवान, महासचिव, शिक्षक संघ
इस तरह का कोई पत्र स्कूल में नहीं पहुंचा है और न ही इस की सूचना स्कूलों को मिली है. जब तक कोई लेटर नहीं आता है. इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सकेंगे.
नंदकिशोर शर्मा, प्रधानाचार्य, बालक मध्य विद्यालय गोलघर पार्क
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