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पंचायतों में कैंप लगा बंटेगा फसल मुआवजा

इधर सदन में मुख्यमंत्री ने की राहत घोषणा पटना : राज्य सरकार आंधी-तूफान में बरबाद हुए फसलों की मुआवजा राशि पंचायत स्तर पर कैंप लगा कर बांटेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की. विपक्ष की टोका-टोकी के बीच उन्होंने कहा कि सरकार एक सप्ताह में किसानों को चेक के जरिये […]

इधर सदन में मुख्यमंत्री ने की राहत घोषणा
पटना : राज्य सरकार आंधी-तूफान में बरबाद हुए फसलों की मुआवजा राशि पंचायत स्तर पर कैंप लगा कर बांटेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की.
विपक्ष की टोका-टोकी के बीच उन्होंने कहा कि सरकार एक सप्ताह में किसानों को चेक के जरिये नयी मुआवजा दर से अनुदान बांटेगी. इसके लिए 1764.35 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग ने अपने बजट से तत्काल 16़ 08 करोड़ रुपये कृषि विभाग को इसके लिए उपलब्ध करा दिये हैं. शेष राशि का प्रबंध बिहार आकस्मिकता निधि से किया जा रहा है. उन्होंने सदन को बताया कि कृषि इनपुट अनुदान मद में राज्य सरकार को भारी राशि की आवश्यकता है, इसलिए केंद्र सरकार को मेमोरेंडम भी भेजा जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित किसानों को आरटीजीएस चेक के माध्यम से पंचायत स्तर पर गठित निगरानी एवं अनुश्रवण समिति के समक्ष कैंप लगा कर अनुदान राशि का चेक दिया जायेगा. इसमें पारदर्शिता के लिए पीड़ित किसानों की सूची संबंधित जिले की वेबसाइट पर जारी करने का निर्देश दिया गया है. इसके अतिरिक्त सरकार किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई कर रही है. पीड़ित किसानों को रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देश के अनुसार फसल ऋण को साअवधि ऋण में पुनर्गठन की सुविधा उपलब्ध कराने की कार्रवाई भी की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी व मार्च में भीषण शीतलहर, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि और आंधी के कारण विभिन्न जिलों में रबी की फसल को काफी क्षति पहुंची है. फरवरी में भीषण शीतलहर से फसलों को भारी क्षति हुई है.वहीं मार्च और अप्रैल में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि और आंधी के कारण रबी की फसलों और अन्य फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग ने जिलों में फसलों की क्षति का आकलन किया गया है. इसके अनुसार 31 लाख 89 हजार 144 हेक्टेयर में लगी फसल में 13 लाख 93 हजार 762 हेक्टेयर में 33 प्रतिशत और उससे अधिक की क्षति का आकलन किया गया है. राज्य में लगभग 19.92 लाख किसान पीड़ित हुए हैं, जिनमें छोटे और मझोले किसानों की संख्या 17.56 लाख है, जबकि बड़े किसान 2.35 लाख हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप वर्ष 2015 से 2020 तक के लिए राज्य आपदा रिस्पांस निधि से पीड़ित किसानों को कृषि इनपुट अनुदान देने के लिए संशोधित मानदंड निर्धारित किया गया है. संशोधित मानदंड के अनुसार 33 प्रतिशत अथवा इससे अधिक फसलों की क्षति होने पर लघु एवं सीमांत किसानों को असिंचित क्षेत्र के लिए 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र लिए 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मान्य है.
फसल मुआवजे में एक हजार रुपये से कम की राशि नहीं दी जायेगी. शाश्वत फसलों के लिए अनुदान की राशि 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मान्य है. शाश्वत फसलों के लिए 2,000 रुपये से कम की राशि नहीं दी जायेगी. इसी प्रकार मध्यम एवं बड़े किसानों को भी असिंचित एवं सिंचित क्षेत्र के लिए अनुदान देय है. इसकी सीमा अधिकतम दो हेक्टेयर निर्धारित है.
फसल प्रभावित क्षेत्र फसल की मात्र
गेहूं 11.26 हेक्टेयर 2271070 मीटरिक टन
मक्का 92785 हेक्टेयर 280022 मीटरिक टन
मसूर 80599 हेक्टेयर 56044 मीटरिक टन
चना 19636 हेक्टेयर 18400 मीटरिक टन
अन्य 2431 हेक्टेयर

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