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डीएवी बीएसइबी : 10 सेक्शन की मान्यता, चल रहे 79 सेक्शन
कक्षा एक से 10वीं तक में 405 की जगह पढ़ रहे हैं 3160 स्टूडेंट्स पटना : डीएवी बीएसइबी को सीबीएसइ ने बिहार सरकार के प्रोजेक्ट स्कूल के तौर पर मान्यता दी है. इसके तहत इस स्कूल में बीएसइबी स्टाफ के 80 फीसदी बच्चों का नामांकन होना है. बाकी बचे 20 फीसदी सीटों पर बाहरी बच्चों […]
कक्षा एक से 10वीं तक में 405 की जगह पढ़ रहे हैं 3160 स्टूडेंट्स
पटना : डीएवी बीएसइबी को सीबीएसइ ने बिहार सरकार के प्रोजेक्ट स्कूल के तौर पर मान्यता दी है. इसके तहत इस स्कूल में बीएसइबी स्टाफ के 80 फीसदी बच्चों का नामांकन होना है. बाकी बचे 20 फीसदी सीटों पर बाहरी बच्चों का नामांकन लेने का प्रावधान है. लेकिन स्थिति उलटी है.
लोकल मैनेजिंग कमेटी की मानें तो बीएसइबी के 20 फीसदी और बाहर के 80 फीसदी बच्चे यहां पढ़ाई कर रहे हैं. हालांकि स्पष्ट रूप से कोई भी सही-सही आंकड़ा बताने को तैयार नहीं है. वर्तमान में उक्त स्कूल में बीएसइबी स्टाफ के कितने बच्चे पढ़ रहे हैं, इसकी जानकारी न तो डीएवी प्रबंधन के पास है और न ही डीएवी बीएसइबी की लोकल मैनेजिंग कमेटी के पास है. ऐसे में एलएमसी (लोकल मैनेजिंग कमेटी) ने डीएवी बीएसइबी से वहां के स्टूडेंट्स के कुल आंकड़ा देने को कहा है. इसके बाद ही आंकड़ों की असली तसवीर सामने आयेगी.
कोट
इनसेट
इस संबंध में एलएमसी के अध्यक्ष राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि डीएवी के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया वाले एकाउंट से ही टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ को सैलरी दी जाती है. बैंक में इतने पैसे हैं कि सैलरी आदि में कोई प्रॉब्लम नहीं है. पैसे की निकासी की इजाजत मिलने से अब सभी स्टाफ को सैलरी दे दी जायेगी.
प्रभारी प्राचार्य को इस एकाउंट से पैसे खर्च करने की इजाजत दी गयी है. अगर स्कूल मद में पैसे की जरूरत होगी तो बैंक ऑफ इंडिया से निकासी की जायेगी. लेकिन अभी ऐसा नहीं होगा. अभी स्कूल की बिल्डिंग आदि बनानेवाले मद में पैसे खर्च नहीं किये जायेंगे. इस कारण इस मद में किसी भी तरह के पैसे की निकासी बैंक एकाउंट से नहीं की जायेगी.
क्लास वन के बाद बदल जाता है सीन
डीएवी-बीएसइबी में क्लास वन के बाद स्टूडेंट्स की संख्या का आंकड़ा बदल जाता है. क्लास वन में इस स्कूल में बाहरी छात्रों का मात्र 20 फीसदी नामांकन होता है, लेकिन क्लास वन के बाद सीन चेंज होने लगता है. क्लास वन में इस स्कूल में 80 स्टूडेंट्स का नामांकन लिया जाता है. इसमें 60 स्टूडेंट्स बीएसइबी स्टाफ के और बाकी 20 स्टूडेंट्स बाहर के होते हैं, लेकिन क्लास वन के बाद क्लास टू में एक सेक्शन बढ़ जाता है. बढ़े हुए सेक्शन में बाहर के ही स्टूडेंट्स का नामांकन होता है. इसके बाद जैसे-जैसे क्लास ऊपर जाता है, सेक्शन की संख्या बढ़ती जाती है.
हर क्लास के लिए एक सेक्शन की मान्यता
सीबीएसइ ने डीएवी बीएसइबी को मान्यता जुलाई 1993 में दी थी. प्रोजेक्ट स्कूल के साथ-साथ इसे हर क्लास में एक सेक्शन चलाने की मान्यता मिली थी. हर क्लास के लिए 40 से 41 स्टूडेंट्स की संख्या होनी थी. क्लास वन से 10वीं तक में कुल स्टूडेंट्स की संख्या 405 होनी थी.
इसमें 5वीं, 6ठी और 7वीं कक्षाओं के लिए 42-42 और 41 स्टूडेंट्स को एडमिशन लेने की मान्यता दी गयी थी. लेकिन, वर्तमान में स्कूल में इस नियम को फॉलो नहीं किया जा रहा है. फिलहाल डीएवी बीएसइबी में 3160 स्टूडेंट्स क्लास वन से 10वीं तक पढ़ रहे हैं, जो कुल सेक्शन 79 में सिमटे हुए हैं.
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