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स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी ने प्रस्ताव को दी सहमति, एम्स को मिलेगा 500 करोड़

पटना: केंद्र सरकार की ओर से एम्स, पटना को 500 करोड़ दिये जायेंगे और इस पैसे से परिसर का विकास करना है. जानकारी के मुताबिक एक माह पूर्व स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक में एम्स, पटना के 83 एजेंडा को खारिज कर दिया गया था और कहा गया था कि दोबारा से एजेंडा तैयार कर […]

पटना: केंद्र सरकार की ओर से एम्स, पटना को 500 करोड़ दिये जायेंगे और इस पैसे से परिसर का विकास करना है. जानकारी के मुताबिक एक माह पूर्व स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक में एम्स, पटना के 83 एजेंडा को खारिज कर दिया गया था और कहा गया था कि दोबारा से एजेंडा तैयार कर अलग-अलग भेजें, जिसे अप्रैल के पहले सप्ताह में भेजा गया था और इसको स्वीकृति भी मिल गयी है, लेकिन अब तक इसको लेकर एम्स के अधिकारी कुछ कहने को तैयार नहीं हैं.
एम्स सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने का निर्णय लिया है. भवन का कार्य पूरा नहीं होने से विभाग में जैसे-तैसे काम चल रहा है. फिलहाल एम्स के नेत्र व मानसिक रोग विभाग में डॉक्टर नहीं हैं और जेनरल मेडिसिन, स्कीन, फार्माकलॉजी, एफएमटी, एनाटॉमी, डेंटल विभाग एक चिकित्सक की बदौलत चल रह हैं. इस कारण से एम्स आनेवाले मरीजों का इलाज जैसे-तैसे चल रहा है और इन विभागों में गंभीर हालत में आनेवाले मरीजों को पीएमसीएच या अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है.
विभागों का हाल
विभाग 19, लेकिन कई में फैकल्टी नहीं तो कई अब तक नहीं खुले हैं
नेत्र विभाग व मानसिक रोग विभाग में कोई फैकल्टी नहीं है
जेनरल मेडिसिन, स्कीन, फार्माकलॉजी, एफएमटी, एनाटॉमी, डेंटल में महज एक फैकल्टी है.
शिशु सजर्री, रेडियोथेरेपी, प्लास्टिक सजर्री, न्यूरो सजर्री, कॉर्डियोथेपेरी सजर्री में भी एक ही फैकल्टी है (यह सभी सुपर स्पेशियलिटी विभाग के हैं)
नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रो, गैस्ट्रो सजर्री, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, ऑनकोलॉजी (यह सुपरस्पेशियलिटी विभाग अब तक शुरू नहीं हो पाया है
ये हैं कमियां
सिटी स्कैन (लगाने की मिली अनुमति)
एमआरआइ
कैथ लैब
हार्ट लंग मशीन
इंडोस्कोपी
डायलेसिस
लेप्रोस्कोपी
इंक्यूवेटर (बच्च विभाग)
फोटो थेरेपी (बच्च विभाग)
लेबर रूम
मेजर सजिर्कल औजार
ऑटो क्लेब
प्लाज्मा स्टेलाइजर
ब्लड बैंक
कलचर के लिए मेजर लैब
बड़े पैथोलॉजिकल लैब
नहीं मिला है पत्र
स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक एक माह पूर्व हुई थी, जिसमें सिटी स्कैन को छोड़ कर 83 आइटम के लिए अलग-अलग एजेंडा तैयार करने के लिए कहा गया था. इसमें एम्स को विकसित करने के लिए 500 करोड़ की मांग केंद्र से की गयी थी, लेकिन इस मामले में अभी हमारे पास आधिकारिक पत्र नहीं आया है. इस कारण से कहना मुश्किल है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि एम्स के सभी एजेंडों को स्वीकृति मिलेगी.
– डॉ जीके सिंह, निदेशक, पटना एम्स

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