इसी का परिणाम है कि सीटीइटी में 25 फीसदी भी अभ्यर्थी पास नहीं कर पाये. इस बार सीटीइटी की प्राइमरी लेवल की परीक्षा में 2,07522 अभ्यर्थी शामिल हुए. इनमें 37153 (17.90 }) को ही सफलता मिली. वहीं माध्यमिक लेवल की परीक्षा में 4,70032 अभ्यर्थी शामिल हुए. इनमें 43,034 (9.16 }) अभ्यर्थी ही सफल हुए.
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सीटीइटी के रिजल्ट में पटना रीजन फिसड्डी
पटना: टीचर्स को न तो बच्चों की सही जानकारी है और न ही बच्चों की साइकोलॉजी को ही टीचर्स पकड़ पा रहे हैं. मैथ से लेकर साइंस व सोशल साइंस में भी टीचर टीचिंग अनुभव नहीं रखते हैं. टीचर्स के प्रति यह संदेह सीबीएसइ ने व्यक्त किया है. फरवरी में ली गयी सीटीइटी ( सेंट्रल […]
पटना: टीचर्स को न तो बच्चों की सही जानकारी है और न ही बच्चों की साइकोलॉजी को ही टीचर्स पकड़ पा रहे हैं. मैथ से लेकर साइंस व सोशल साइंस में भी टीचर टीचिंग अनुभव नहीं रखते हैं. टीचर्स के प्रति यह संदेह सीबीएसइ ने व्यक्त किया है. फरवरी में ली गयी सीटीइटी ( सेंट्रल टीचर्स इजिबलिटी टेस्ट) के रिजल्ट आने के बाद सीबीएसइ ने टीचर्स की क्वालिटी को लेकर सवाल उठाया है.
पटना रीजन अंतिम पायदान पर
सीटीइटी की परीक्षा में सीबीएसइ के तमाम रीजन की बात करें,तो पटना रीजन अंतिम पायदान पर है. पटना रीजन से लगभग दो लाख अभ्यर्थी सीटीइटी की परीक्षा में शामिल हुए. इसमें मात्र 10 हजार अभ्यर्थी को सफलता मिली है. पटना रीजन के 9.13 फीसदी अभ्यर्थी को ही सीटीइटी में सफलता मिली है. ज्ञात हो कि देश भर में 96 शहरों में 988 परीक्षा केंद्र पर सीटीइटी की परीक्षा आयोजित की गयी थी. इनमें अधिकतर परीक्षा केंद्र का रिजल्ट जीरो फीसदी रहा है.
टीचर्स की क्वालिटी की जांच के लिए सीटीइटी की परीक्षा ली जाती है. लेकिन हर साल इसका रिजल्ट पिछले साल से भी खराब होता है. टीचर्स की क्वालिटी कम होती जा रही है. जिन टीचर्स को पांच साल का टीचिंग एक्सपेरियेंस होता है. वहीं इस परीक्षा में शामिल होते है. हर छह महीने पर सीटीइटी की परीक्षा ली जाती है.
राजीव रंजन सिन्हा, सिटी को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसइ, पटना
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