साथ ही नेशनल हाइवे आथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) से भी कहा कि वह राज्य से गुजरनेवाले एनएच पर से 15 दिनों में हर हाल में स्पीड ब्रेकर हटा ले. कोर्ट ने 15 दिनों के बाद इस संबंध में रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया है. खंडपीठ ने सिर्फ अस्पताल और स्कूल के निकट स्पीड ब्रेकर रहने देने की इजाजत दी है.
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हाइकोर्ट ने लगाया ‘ब्रेक’, 15 दिनों के अंदर सभी स्पीड ब्रेकर हटाओ
पटना: पटना हाइकोर्ट ने राज्य में सभी सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकर को 15 दिनों में हटाने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह के खंडपीठ ने सोमवार को यह आदेश दिया. कोर्ट ने इसके लिए पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव से निचले स्तर के अधिकारियों तक […]
पटना: पटना हाइकोर्ट ने राज्य में सभी सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकर को 15 दिनों में हटाने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह के खंडपीठ ने सोमवार को यह आदेश दिया. कोर्ट ने इसके लिए पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव से निचले स्तर के अधिकारियों तक को यहजिम्मेदारी सौंपी है.
दरअसल भभुआ के एक व्यक्ति विनोद कुमार सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर बताया था कि भभुआ-सवार पथ पर अधिक संख्या में स्पीड ब्रेकर बनाये गये हैं. इसके कारण राहगीरों से रंगदारी मांगी जाती है. इस संबंध में जिला प्रशासन और राज्य सरकार को कई बार शिकायतें की गयीं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. खंडपीठ ने इस पत्र को स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका में तब्दील कर दिया. सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता अशोक कुमार केसरी ने कोर्ट से कहा कि 15 दिनों का समय कम है और इतने कम दिनों में पूरे राज्य की सड़कों से स्पीड ब्रेकर नहीं हट पायेगा. खंडपीठ ने कहा कि समयसीमा नहीं बढ़ायी जायेगी. अपर महाधिवक्ता का तर्क था कि यह आदेश मुख्य सचिव को दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह पूरे राज्य का मामला है. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों को ही स्पीड ब्रेकर हटाने की जिम्मेवारी रहेगी.
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