पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बिहार को एक लाख करोड़ के विशेष पैकेज दिये जाने की कवायद पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि यह पैकेज नहीं, बिहार को पैकेज के नाम पर बीजेपी की पैकेजिंग है. साथ ही उन्होंने बिहार को विशेष दर्जा दिये जाने की अपनी मांग दोहरायी.
संवाद सभाकक्ष में मिशन इंद्रधनुष का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे पैकेजिंग में लगे हुए हैं और हम बिहार की मांग को पहुंचाने में लगे हुए हैं. बिहार को विशेष पैकेज के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक से जुड़े सवालों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबको मालूम है कि मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें बिहार की जरूरतों का जिक्र किया था और 14 वें वित्त आयोग के अनुशंसाओं के कारण बिहार को होनेवाले नुकसान से अवगत कराया है.
दो दिनों के बाद मैंने इस ज्ञापन को सार्वजनिक भी कर दिया था. योजना मद और अलग-अलग तरह की सहायता के लिए जो आर्थिक ट्रांसफर होना था, उसमें आ रही कमी से प्रधानमंत्री को अवगत कराया था और उन्होंने ज्ञापन पर गौर करने के बाद आश्वासन भी दिया था. बिहार-झारखंड के निर्माण के कारण विशेष सहायता मिलती है. बीआरजीएफ (बैकवर्ड रिजन ग्रांट फंड ) के तहत मिल रहे 12 हजार करोड़ रुपये के बंद हो जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है. इस राशि का मिलना बंद नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह राशि बिहार राज्य पुनर्गठन विधेयक के तहत बिहार को दी जाती है. इसे राज्य सरकार को तत्काल देने का इंतजाम करना चाहिए. श्री कुमार ने कहा कि मैने सर्वदलीय बैठक बुलायी थी, जिसमें सभी दल के प्रतिनिधि मात्र बीजेपी को छोड़ कर सम्मिलित हुए थे.
बैठक में सहमति बनी थी कि बिहार को अपनी जरूरतों के मद्देनजर एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को देना चाहिए. मुङो मालूम हुआ कि इस दिशा में कुछ कार्रवाई चल रही है. खबर पढ़ी है कि जिसके हिसाब से पैकेज नहीं, पैकेजिंग की बात की जा रहा है. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक कर ब्रीफिंग भी राजनीतिक नजरिये से की गयी है. यह बीजेपी की पैकेजिंग की योजना है. उन्होंने कहा कि इसमें अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट की बात कही गयी है. योजना की स्वीकृत सुशील कुमार शिंदे ने सैद्धांतिक रूप से दी थी. पानी-जमीन चिह्न्ति करने की बात चल रही है. मोकामा में राजेंद्र पुल के समानांतर पुल बनाने की बात कही जा रही है, जबकि आज से चार साल पहले यह बताया जा चुका है. अलग-अलग जो काम रुके हुए हैं, सबको मिला-जुला कर एक साथ पैकेजिंग कर देना है. हमें खुशी है कि बिहार के लिए जितना हो सके, हो जाये. यहां की जनता की मांग है कि बिहार को विशेष दर्जा मिलना चाहिए. आंध्र प्रदेश के तर्ज पर विशेष सहायता मिले.
मिशन इंद्रधनुष का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों ने जब श्री कुमार से पैकेजिंग का मतलब पूछा, तो उन्होंने कहा कि अब यह भी बताने की बात है. दिल्ली में हुई बैठक और बिहार को को विशेष सहायता देने की बात सरकार की नहीं, बीजेपी की मीटिंग में तय हुई है. इसी को लेकर एक कहावत भी कही जाती है कि कानी गाय के अलगे बथान. यह सरकार से अलग होकर अपनी बात करते हैं. अखबारों के माध्यम से जो जानकारी मिली है, केंद्र सरकार ने पहले ही बिहार को दे दिया है. नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनको ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कई बिंदुओं को पूरा करने की बात लिखी गयी है. आंध्र प्रदेश के तर्ज पर बिहार को सहायता मिले और जल्द विशेष राज्य का दर्जा जल्द-से-जल्द दिया जाये. इन बिंदुओं को भी ज्ञापन में प्रमुखता से दिया गया है.
भाजपा जवाब दे, आखिर झारखंड में बाहरी लोगों को नौकरी क्यों नहीं मिलेगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा दिये गये बयान कि ‘झारखंड में बिहार-उत्तर प्रदेश के लोगों को नौकरी नहीं मिलेगी’ को भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है. पत्रकारों के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह तो भाजपा के नेताओं को बताना होगा कि बाहरी लोगों को नौकरी क्यों नहीं दी जायेगी. श्री कुमार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी राज्य में नौकरी के लिए आवेदन कर सकता हैं. देश के हर राज्य में नौकरी के लिए कोई भी जा सकता है और बिहार के युवा तो इतने मेधावी है कि वे कहीं भी जाकर अपना परचम लहरा सकते हैं. एक अन्य सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि झारखंड में भाजपा की जीत नहीं हार हुई है. अगर आप ध्यान दें, तो लोकसभा चुनाव में स्थिति कुछ और थी और उसके बाद जब विधानसभा का चुनाव हुआ, तो स्थिति कुछ और हो गयी. ऐसी जीत को हार ही कहा जाता है.