पटना. स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार के तहत होनेवाले विधान परिषद की 24 सीटों के लिए मुखिया, वार्ड सदस्य, वार्ड पार्षद, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के सदस्य मतदान करेंगे. इस बार स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार के करीब सवा लाख मतदाताओं को इपिक के आधार पर मतदान करने का मौका मिलेगा. भारत निर्वाचन आयोग ने पूर्व से चली आ रही निर्वाचन प्रमाण पत्र की पहचान को समाप्त कर दिया है. विधान परिषद चुनाव में धनपशुओं द्वारा मतदाताओं की खरीद-फरोख्त किये जाने की आशंका से मंगलवार को विधान परिषद के चार सदस्य विनोद कुमार सिंह, सलमान रागीव, राजेश राम और मनोज यादव ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिलकर निर्वाचन प्रमाण पत्र की जगह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को इपिक के आधार पर मतदान के अधिकार देने की मांग रखी. साथ ही सदस्यों ने भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी 2010 पत्र का हवाला दिया गया है. इस पत्र में स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार के तहत होने वाले मतदान में इपिक या अन्य फोटो युक्त पहचान पत्र दिखाना होगा. इसके पूर्व पैसे के आधार पर उम्मीदवारों द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सर्टिफिकेट खरीद लिया जाता था. उस सर्टिफिकेट के आधार पर ही मतदान का अधिकार मिलता था. इसमें जो भी व्यक्ति निर्वाचन का सर्टिफिकेट लेकर जाता था उसे मतदान का अधिकार मिल जाता था. पहली बार राज्य की 24 सीटों के लिए होनेवाले मतदान में इपिक का व्यापक रूप से प्रयोग होगा.
प्रमाणपत्र नहीं अब इपिक से मुखिया, वार्ड सदस्य व वार्ड पार्षद करेंगे मतदान
पटना. स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार के तहत होनेवाले विधान परिषद की 24 सीटों के लिए मुखिया, वार्ड सदस्य, वार्ड पार्षद, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के सदस्य मतदान करेंगे. इस बार स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार के करीब सवा लाख मतदाताओं को इपिक के आधार पर मतदान करने का मौका मिलेगा. भारत निर्वाचन आयोग ने पूर्व से […]
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