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लागत बढ़ जाने से महंगे हो गये फ्लैट

निर्माण सामग्री की बढ़ी कीमतों ने फ्लैटों का भाव बढ़ा दिया है. गंगा बालू से लेकर प्लास्टर बालू, छड़, सीमेंट व गिट्टी की कीमतों में एक साल में 25-30 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. ईंट की कीमत भी बढ़ी है. पिछले साल छह-सात हजार रुपये प्रति हजार मिलनेवाली ईंट अभी 8-10 हजार रुपये में […]

निर्माण सामग्री की बढ़ी कीमतों ने फ्लैटों का भाव बढ़ा दिया है. गंगा बालू से लेकर प्लास्टर बालू, छड़, सीमेंट व गिट्टी की कीमतों में एक साल में 25-30 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. ईंट की कीमत भी बढ़ी है. पिछले साल छह-सात हजार रुपये प्रति हजार मिलनेवाली ईंट अभी 8-10 हजार रुपये में मिल रही है. इसके अलावा लेबर चार्ज भी काफी बढ़ा है. पहले जहां 100-120 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से ढलाई तक का काम हो जाता था, वहीं अब छत ढलाई तक का काम कराने के लिए 150 से 160 रुपये प्रति वर्ग फुट मजदूरी देनी पड़ रही है. यही कारण है कि भवन निर्माण में आनेवाली लागत बढ़ गयी है और इसका असर फ्लैट की कीमत पर पड़ रहा है. अभी प्रति वर्ग फुट निर्माण लागत 1000-1200 रुपये आ रहा है, जबकि पिछले साल तक यह खर्च 800-900 रुपये तक था.

पटना: पिछले साल 1700 से 1800 रुपये प्रति टेलर मिलनेवाला बालू इस साल 2500 रुपये प्रति टेलर मिल रहा है. इसके अलावा गंगा बालू की कीमत भी बढ़ गयी है. यह अभी 1000 से 1200 रुपये प्रति टेलर मिल रहा है, जबकि पिछले साल यह छह से सात सौ रुपये प्रति टेलर मिलता था. गंगा बालू का इस्तेमाल अपार्टमेंट की प्लिंथ भराई के लिए किया जाता है.

पड़ोसी राज्य से आ रही गिट्टी
निर्माण के लिए गिट्टी भी बाहर से आ रही है. राज्य में माइनिंग पर आंशिक रोक के कारण ज्यादातर लोग झारखंड से गिट्टी मंगा रहे हैं, जिससे कीमत बढ़ गयी है. अभी ट्रक से गिट्टी मंगाने का खर्च 30 से 35 हजार रुपये आ रहा है, जबकि पहले 25 से 26 हजार रुपये था. बिहार में अभी मात्र 35 से 40 जगहों से गिट्टी आ रही है,जबकि पिछले साल 60 से 70 जगहों से आ रही थी. 2014 से पूरी तरह से रोक लग जायेगी.

सीमेंट, छड़ व श्रम भी महंगा
पिछले साल की तुलना में सीमेंट की कीमत में 50 से 80 रुपये प्रति बोरी वृद्धि हुई है. जबकि छड़ की कीमत तीन से चार सौ रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा है. घर की वायरिंग, मार्बल-टाइल्स लगाने और प्लंबर का काम कराना भी महंगा हो गया है. बिजली की वायरिंग पिछले साल तक जहां पांच से सात रुपये प्रति वर्ग फुट में होती थी, वहीं अब आठ से 10 रुपये प्रति वर्ग फुट खर्च आ रहा है.

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