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बीस में से 15 हजार शिक्षक हड़ताल पर, कैसे चेक होगी कॉपी

पटना: इंटर का मूल्यांकन चल रहा है. मूल्यांकन शुरू होने के साथ पूरे बिहार के वित्तरहित शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. अगर सरकार इनकी मांगों को नहीं मानेगी, तो इसका असर इंटर के मूल्यांकन पर पड़ेगा. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मानें तो इंटर के मूल्यांकन कार्य में वित्तरहित […]

पटना: इंटर का मूल्यांकन चल रहा है. मूल्यांकन शुरू होने के साथ पूरे बिहार के वित्तरहित शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. अगर सरकार इनकी मांगों को नहीं मानेगी, तो इसका असर इंटर के मूल्यांकन पर पड़ेगा. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मानें तो इंटर के मूल्यांकन कार्य में वित्तरहित शिक्षकों की संख्या सबसे ज्यादा है. इंटर के मूल्यांकन कार्य में 20 हजार शिक्षकों को लगाया गया है. इसमें 15 हजार वित्तरहित शिक्षक है. इन शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से इंटर का मूल्यांकन कार्य पूरा करने में काफी दिक्कतें आयेंगी.
अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षक नहीं करते हैं मदद : इंटर के मूल्यांकन में अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षक शामिल नहीं होते हैं. ऐसे में समिति को वित्तरहित शिक्षकों की मदद लेना पड़ता है. पूरे बिहार में अंगीभूत महाविद्यालयों की संख्या 23 है. अगर इन महाविद्यालयों के शिक्षक पूरी तरह से मूल्यांकन कार्य में शामिल हो, तो इंटर के मूल्यांकन में और आसानी हो जायेगी. समिति के सूत्रों की माने तो अंगीभूत कॉलेजों की मदद नहीं मिलने के कारण इतनी संख्या में वित्तरहित कॉलेजों के शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में लगाया जाता है.
हिंदी व इंगलिश का मूल्यांकन पर पड़ेगा अधिक असर : समिति की ओर से दावा किया जा रहा है कि 10 अप्रैल तक इंटर का मूल्यांकन कार्य काफी संख्या में खत्म कर लिया जायेगा. मुख्य रूप से हिंदी व इंगलिश विषय का मूल्यांकन कार्य बचेगा. समिति की मानें तो हिंदी व इंगलिश में 12 लाख के ऊपर उत्तर पुस्तिका है. इसमें साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स तीनों ही स्ट्रीम के छात्र शामिल होते है. ऐसे में इसके मूल्यांकन में लगभग 15 दिन से ऊपर लगता है. 15 अप्रैल तक भी हिंदी व इंगलिश विषय का मूल्यांकन समाप्त नहीं हो पायेगा. क्योंकि इसमें शिक्षकों की कमी पहले से ही हैं. वित्तरहित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से हिंदी व इंगलिश के मूल्यांकन पर अधिक असर होगा. समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि हम कोशिश कर रहे है कि 10 अप्रैल तक मूल्यांकन कार्य समाप्त हो जाये. अगर ऐसा नहीं होगा, तो वित्तरहित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से इंटर के मूल्यांकन पर काफी असर पड़ेगा.
शिक्षा मंत्री से वार्ता आज, नहीं मिला न्योता
सूबे के प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षक वेतनमान को लेकर आंदोलनरत हैं. वेतनमान को लेकर सदन में हंगामा के बाद शिक्षा मंत्री पीके शाही ने विधान परिषद् में घोषणा की थी कि छह अप्रैल को वह नियोजित शिक्षकों के संगठनों के साथ वार्ता करेंगे व उनकी मांगों पर विचार करेंगे, लेकिन घोषणा के कई दिन बाद भी नियोजित शिक्षकों के संगठन को अब तक कोई न्योता नहीं मिला है. बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूरण कुमार ने कहा कि अब तक लिखित रूप से वार्ता के लिए आमंत्रण नहीं मिला है. सदन में शिक्षा मंत्री ने जो बयान दिया था बस उसी की जानकारी है. इधर, आर.ब्लॉक पर शिक्षकों का आमरण अनशन 14वें दिन भी जारी रहा. संघ के उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिंह व महासचिव केशव कुमार ने कहा कि राज्य सरकार और इम्तिहान नहीं ले. जल्द ही वेतनमान की घोषणा करे, नहीं तो आंदोलन ङोलने के लिए तैयार रहे.

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