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डीएवी प्रकरण: बातचीत से लगता है कि छात्रा को किसी परिचित ने दी पनाह
पटना: डीएवी छात्रा के बयान के बाद शुरू हुए पुलिसिया सत्यापन में अब कन्फ्यूजन पैदा हो रहा है. कैद में रखे जानेवाले संभावित अड्डे पर पुलिस चहलकदमी कर चुकी है. छात्र और उसके परिजन को साथ लेकर खगौल, दानापुर, पटना सिटी के भी लोकेशन खंगाले जा चुके हैं, लेकिन अब तक कुछ भी ऐसा नहीं […]
पटना: डीएवी छात्रा के बयान के बाद शुरू हुए पुलिसिया सत्यापन में अब कन्फ्यूजन पैदा हो रहा है. कैद में रखे जानेवाले संभावित अड्डे पर पुलिस चहलकदमी कर चुकी है. छात्र और उसके परिजन को साथ लेकर खगौल, दानापुर, पटना सिटी के भी लोकेशन खंगाले जा चुके हैं, लेकिन अब तक कुछ भी ऐसा नहीं मिला है जो उसके बयान से मिलता-जुलता हो. सूत्रों की मानें तो पुलिस को अब यह बयान झूठा लग रहा है. पुलिस को कुछ ऐसे संकेत मिले हैं, जिनसे यह समझा जा रहा है कि वह अपने किसी परिचित के साथ थी.
गौरतलब है कि पूरे 20 दिनों से युद्धस्तर पर चल रही पड़ताल के दौरान 19 मार्च की शाम पटना जंकशन पर रात के करीब 8.30 बजे डीएवी छात्रा को बरामद किया गया था. बरामदगी के बाद पुलिस के चार पदाधिकारियों द्वारा अलग-अलग जो बयान लिये गये, उनमें बदलाव तो नहीं मिला, लेकिन जो कुछ पुलिस के हाथ लगा वह शक पैदा करने वाला था. पुलिस ने जब उस शक को मिटाने की कोशिश की, तो छात्र की स्थिति पुलिस के सामने असामान्य हो गयी.
पुलिस अब इस केस में अब यह मान कर चल रही है कि या तो कहानी झूठी है या फिर कोई दहशत है, जो छात्रा को हकीकत बताने से रोक रही है. हालांकि अभी सत्यापन जारी है, पर पुलिस को न तो कोई सुराग मिल रहे हैं और न ही बयान के हिस्से में पुष्टि ही हो रही है. पुलिस ने जो स्केच तैयार कराया है, उसे उन थानों को भेजा जा रहा है जिन इलाके में उसका टावर लोकेशन मिला था.
इस संबंध में एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि छात्र के बयान के अनुसार लगातार सत्यापन कराया जा रहा है. अब तक के अनुसंधान से यह संकेत मिल रहे हैं कि छात्र स्कूल की कारस्तानी से डर कर पहले भागी और फिर अपने किसी परिचित के सहारे 20 दिनों तक छिपी रही. कैद में रखने वाला अपराधी टिफिन में भोजन पैक करके नहीं दे सकता.
छात्रा के बयान पर पुलिस के सवाल
पेशेवर अपराधी बैग में टिफिन-कपड़े नहीं देते.
छात्रा को जब गांधी मैदान छोड़ा गया, तो घर जाने के बजाय वह जंकशन क्यों गयी?
जंकशन के अलावा और कहीं उसका फुटेज नहीं मिला?
अगर उसे कैद रखा गया, तो अपराधियों की मंशा क्या थी?
वह सही-सलामत लौटी और फिरौती भी नहीं मांगी गयी, तो आखिर अपराधी चाहते क्या थे?
क्या यह 20 दिनों तक किसी अनजाने भय को छुपाने के लिए बोला गया झूठ है?
छात्रा ने फेल होने की बात घरवालों से छुपायी थी, क्या वह फिर कुछ छुपा रही है?
एसएमएस से केस उठा लेने की मिली धमकी छात्रा ने क्या खुद दी थी?
तीन बार के प्रयास के बाद छात्रा द्वारा तैयार कराया गया स्केच क्या सही है?
जंकशन पर छात्र ने अरव से यह क्यों कहा कि तुमने सबको क्यों बुला लिया?
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