पटना: आइजीआइएमएस परिसर की पांच एकड़ जमीन मेदांता मेडिसिटी को दी जानी है. इसे लेकर डॉक्टरों के दो गुट बन गये हैं. एक गुट इस प्रस्ताव का विरोध करेगा. इसके अलावा आइएमए भी इसका विरोध करेगा. इस योजना को अंतिम रूप देने के लिए प्रधान सचिव व्यास जी दिल्ली जानेवाले हैं. वहां वे मेदांता मेडिसिटी के सीएमडी व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ नरेश त्रेहान से मिलेंगे. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ डॉ नरेश त्रेहान की बात हुई थी. उसके बाद डॉ त्रेहान व संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार की बैठक परिसर में हुई.
इसमें परिसर में पीपीपी मोड में कार्डियोलॉजी सहित कुछ अन्य विभाग को विकसित करने पर सहमति बनी थी. इसके तहत कार्डियोलॉजी सहित अन्य विभागों में मौजूद मशीन व डॉक्टरों की सूची तैयार की जायेगी तथा जो मशीनें परिसर में नहीं हैं, उन्हें मेदांता लगायेगा. साथ ही दो माह की ट्रेनिंग के लिए संबंधित डॉक्टर भी दिल्ली जायेंगे. कार्डियोलॉजी विभाग के मेडिकल व सजिर्कल दोनों विभागों को ऐसा तैयार किया जायेगा, जिसके बाद मरीजों को दिल्ली नहीं जाना पड़े.
परिसर में नया परिसर बनाना ठीक नहीं : आइएमए
सीनियर वाइस प्रेसिडेंट आइएमए, बिहार डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि आइजीआइएमएस में नया परिसर बनाना उचित नहीं है. यदि मेदांता मेडिसिटी को जमीन दी जाती है, तो सूबे के सभी डॉक्टर इसका विरोध करेंगे. यदि संस्थान के साथ मिल कर मेदांता पीपीपी मोड पर काम करेगी और कार्डियोलॉजी सहित अन्य विभागों को विकसित करेगी, तो इसका हम समर्थन करेंगे. पहले आइजीआइसी में स्कॉर्ट के डॉक्टर सप्ताह में एक बार आते थे. लेकिन, इसका फायदा स्कॉर्ट को मिला, संस्थान को नहीं. मरीज की भीड़ दिल्ली स्कॉर्ट में चली गयी. अगर फिर वही बात होगी, तो परिसर में चल रहा कार्डियोलॉजी विभाग बंद पड़ जायेगा और मरीज मेदांता में ही इलाज करायेंगे.