पटना: वित्तीय वर्ष 2013-14 के चार माह में मात्र 20 प्रतिशत योजना राशि ही खर्च हो सकी है. चार विभागों ने तो अभी तक खर्च का खाता भी नहीं खोला है. लगभग 50 प्रतिशत राशि खर्च कर भवन निर्माण व पथ निर्माण विभाग अव्वल हैं. चार विभागों में एक प्रतिशत से कम राशि खर्च हुई है. इस वर्ष वार्षिक योजना की कुल राशि 34 हजार करोड़ है.
आठ माह में सभी विभागों को 80 प्रतिशत राशि खर्च करने की चुनौती है. निबंधन व मद्य निषेध, सूचना प्रौद्योगिकी, खान व भूतत्व एवं सामान्य प्रशासन विभाग में खर्च शून्य है.
पशु व मत्स्य संसाधन विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, वाणिज्य-कर और विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग में एक प्रतिशत से कम राशि खर्च हो सकी है. भवन निर्माण में 50 प्रतिशत से अधिक राशि खर्च हुई है. वन व पर्यावरण तथा पथ निर्माण विभाग में भी लगभग 50 प्रतिशत राशि खर्च हुई है. कम राशि खर्च होने के पीछे बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष के शुरू में योजना बना कर उस पर काम शुरू करने व राशि आवंटन में भी देर होती है.