यह परीक्षा तीन मार्च, नौ मार्च व 12 मार्च को हो चुकी है, जबकि अंतिम परीक्षा 18 मार्च को होनी है. गौरतलब है कि छात्र के गायब होने के बाद स्कूल प्रबंधन लगातार पुलिस के सामने यह दावा करता रहा कि प्रिया उनके स्कूल में कभी 12वीं की छात्र नहीं रही और न ही क्लास के रजिस्टर में उसका नाम दर्ज है. स्कूल प्रशासन ने तो यहां तक कहा कि 11वीं में फेल होने के कारण उसे स्कूल से निकाल दिया गया था. पुलिस सूत्रों की मानें, तो सीबीएसइ ने जांच के लिए यह रोल नंबर पुलिस को उपलब्ध करा दिया है. लेकिन, इतने दिनों तक पुलिस ने स्कूल के रजिस्टर और रोल नंबर की जांच नहीं की. इससे जाहिर होता है कि इस मामले में स्कूल प्रबंधन और पुलिस के बीच मिलीभगत है.
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प्रभात परदाफाश: झूठा है डीएवी बीएसइबी का दावा प्रिया इसी स्कूल की छात्रा
पटना: स्कूल कैंपस से गायब हुई छात्रा प्रिया राय के मामले में बीएसइबी डीएवी स्कूल प्रबंधन द्वारा लगातार बोले जा रहे झूठ की पोल खुल गयी है. प्रभात खबर ने इस मामले की पड़ताल में पाया कि सीबीएसइ की 12वीं की परीक्षा की लिस्ट ऑफ कैंडिडेंट्स (एलओसी) में प्रिया का नाम भी शामिल था और […]
पटना: स्कूल कैंपस से गायब हुई छात्रा प्रिया राय के मामले में बीएसइबी डीएवी स्कूल प्रबंधन द्वारा लगातार बोले जा रहे झूठ की पोल खुल गयी है. प्रभात खबर ने इस मामले की पड़ताल में पाया कि सीबीएसइ की 12वीं की परीक्षा की लिस्ट ऑफ कैंडिडेंट्स (एलओसी) में प्रिया का नाम भी शामिल था और उसका रोल नंबर 7620304 है. खास बात यह है कि संत माइकल स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र पर उसका यह रोल नंबर हर परीक्षा के दिन चिपकाया जा रहा है.
यदि फेल तो कैसे फॉर्म भरने दिया
अगर प्रिया 11वीं में फेल हो गयी थी, जैसा कि स्कूल का दावा रहा है, तो उसे 12वीं में क्लास करने की अनुमति क्यों दी गयी? अगर अनुमति नहीं दी गयी, तो प्रिया ने 12वीं का परीक्षा फॉर्म कैसे भर दिया? सीबीएसइ के अनुसार, अगर कोई 11वीं में एक-दो विषयों में फेल हो जाता है, तो स्कूल कंपार्टमेंटल की परीक्षा लेकर उसे 12वीं में प्रमोट कर सकता है. अगर छात्रा सारे विषयों में फेल रहता है, तो उसे दुबारा 11वीं में ही पढ़ना पड़ता है. ऐसे में वह 12वीं की परीक्षा में किसी भी हाल में शामिल नहीं हो सकता है.
रोल नंबर पर होता है जोन और स्कूल का डिटेल्स
सीबीएसइ के 10वीं और 12वीं का रौल नंबर सात डिजिट का होता है. इसमें पहला डिजिट रीजनल ऑफिस का होता है. उसके बाद की संख्या स्टूडेंट्स के 10वीं या 12वीं में होने को दरसाता है. इसके बाद स्कूल और फिर स्टूडेंट का रोल नंबर होता हैं. पटना रीजनल ऑफिस के अंतर्गत आनेवाला तमाम रौल नंबर 7 से शुरू होता है. उसके बाद का 6 नंबर 12वीं को दरसाता है. इसके बाद 20304 डीएवी बीएसइबी स्कूल और स्टूडेंट को दिया गया रोल नंबर होता है.
दो तरीके का होता है एलओसी
सीबीएसइ ने स्कूलों में छात्रों की पारदर्शिता और सही संख्या को लाने के लिए एलओसी (लिस्ट ऑफ कैंडिडेंट्स) की शुरुआत की है. इसके तहत सीबीएसइ स्कूल के छात्र को दो बार एलओसी में शामिल किया जाता है. पहला एलओसी 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन के बाद छात्रा के पूरा डिटेल्स शामिल किया जाता है. वहीं दूसरी बार 10वीं और 12वीं के परीक्षा में शामिल होने परीक्षार्थियों का नाम एलओसी में शामिल किया जाता है. इसमें उन छात्रों के नाम छांट दिये जाते हैं, तो 11वीं में सारे विषयों में फेल कर जाते हैं. इससे सीबीएसइ को पता चलता कि कि इस बार रजिस्ट्रेशन वाले कितने छात्र 10वीं बोर्ड और 12वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल नहीं होंगे.
28 फरवरी को एडमिट कार्ड लेने स्कूल गयी थी प्रिया
गौरतलब है कि डीएवी बीएसइबी की छात्रा प्रिया राय 28 फरवरी को 12वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने के लिए एडमिट कार्ड लेने स्कूल गयी थी. उसे एडमिट कार्ड नहीं मिला और उसी दिन से वह स्कूल कैंपस से गायब हो गयी.
दो मार्च को प्रभात खबर द्वारा पूछे गये सवाल में हर बात को नकारा था
उठते सवाल स्कूल का था जवाब
इस सत्र में छात्र का एडमिशन कॉलेज में था ? नहीं, फेल होने से नाम कट गया था.
क्या 11 वीं का रिजल्ट कार्ड परिजन ले गये थे? नहीं, स्कूल में है, वह बुरी तरह फेल है.
क्या छात्रा डीएवी में क्लास करती थी? नहीं, उपस्थिति रजिस्टर में नाम नहीं है.
क्या छात्रा ने फेल होने की जानकारी घरवालों को दी? नहीं मालूम, कॉलेज से किसी ने नहीं पूछा
टीचर ने दूसरे स्कूल में एडमिशन का आश्वासन दिया था? नहीं, ऐसा कुछ नहीं है.
क्या बिना एडमिशन के क्लास कराया जाता था? नहीं, वह क्लास नहीं करती थी.
अक्तूबर में स्कूल के फेयरवल में शामिल हुई थी? नहीं, कोई रेकॉर्ड नहीं है.
डीएवी, बीएसइबी स्कूल के माध्यम से ही छात्रा का फॉर्म भरा गया था. यह बात अनुसंधान में सामने आयी है. रोल नंबर भी इश्यू हो गया था. छात्रा के बरामद होने के बाद हर सवाल के जवाब अपने-आप मिल जायेगा.
जितेंद्र राणा, एसएसपी
स्कूल पर गंभीर सवाल
1. आखिर छात्रा के गायब होने के पीछे स्कूल की क्या भूमिका है, इसके कारण स्कूल प्रबंधन लगातार झूठ बोलता रहा?
2. स्कूल ने छात्र को उसका एडमिट कार्ड नहीं दिया, तो क्या स्कूल सीबीएसइ के नियमों को ताक पर रख कर काम करता है?
3. स्कूल में किसी दूसरे स्कूल से फॉर्म भरवानेवाला गिरोह तो सक्रिय नहीं है?
4. स्कूल से किसी छात्रा के गायब होने पर वहां की सुरक्षा के लिए जिम्मेवार कौन?
उम्मीद : स्कूल प्रबंधन अब झूठ से पल्ला झाड़ेगा और हकीकत सामने लायेगा
पुलिस की भूमिका भी संदेह में
1. जांच अधिकारियों ने स्कूल रजिस्टर की जांच अब तक क्यों नहीं की?
2. पुलिस ने यह बात क्यों छुपाये रखी थी कि प्रिया डीएवी से ही 12वीं की परीक्षा देनेवाली थी?
3. पुलिस जांच में स्कूल को क्यों क्लीन चिट देती रही है?
4. क्या पुलिस अधिकारियों व स्कूल प्रबंधन में कोई सांठगांठ तो नहीं है?
उम्मीद : पुलिस के आला अधिकारी शिक्षा के रैकेट पर काम करेंगे और दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई करेंगे.
प्रिया डीएवी बीएसइबी की छात्रा है. इसने 12वीं की परीक्षा के लिए फॉर्म भरा था. उसे सीबीएसइ ने एडमिट कार्ड भी जारी किया गया था. इसका रोल नंबर 7620304 है. दो मार्च को 12वीं की परीक्षा शुरू होने के दो दिनों के बाद मुङो स्कूल से रोल नंबर मिला था. उसका रोल नंबर उसके परीक्षा केंद्र पर भी चिपकाया गया हैं.
निखिल कुमार, अध्यक्ष, डीएवी स्कूल टीचर्स एसोसिएशन
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