हर कार्यकर्ता एक पतली छड़ी में छोटे से झंडे को थाम लेते थे. लालू प्रसाद के आने के पहले दल के महत्वपूर्ण नेताओं में प्रभुनाथ सिंह, पप्पू यादव, राजनीति प्रसाद, अब्दुलबारी सिद्दीकी, भाई वीरेंद्र, दिनेश कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डा रामचंद्र पूव्रे, मुंद्रिका सिंह यादव,रणविजय यादव, कृष्णा यादव, शिवचंद्र राम, मीडिया प्रभारी प्रगति मेहता, प्रवक्ता एजाज अहमद, चितरंजन गगन, युवा राजद के प्रमोद सिन्हा, डॉ प्रेम कुमार गुप्ता, युवा राजद के अमिताभ श्रीवास्तव, प्रमोद सिंह, देवमुनि सिंह यादव, झारखंड के वरीय उपाध्यक्ष राजेश यादव सहित हजारों की संख्या में नेता कार्यकर्ता पहुंच गये थे.
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राजद का राजभवन मार्च: मार्च से होनेवाला है सबका भला
पटना: राजभवन मार्च को लेकर दिन के 11 बजे से राजद नेताओं की भीड़ उमड़ने लगी थी. कार्यकर्ता पहुंच रहे थे. कोई कार से, तो कोई पैदल चलकर. मार्च को सफल बनाने के लिए कई नेता बड़े बैनर लेकर पहुंचे थे. इधर पार्टी की ओर से हर हाथ में लालटेन निशान का झंडा देने के […]
पटना: राजभवन मार्च को लेकर दिन के 11 बजे से राजद नेताओं की भीड़ उमड़ने लगी थी. कार्यकर्ता पहुंच रहे थे. कोई कार से, तो कोई पैदल चलकर. मार्च को सफल बनाने के लिए कई नेता बड़े बैनर लेकर पहुंचे थे. इधर पार्टी की ओर से हर हाथ में लालटेन निशान का झंडा देने के लिए ठेले पर पार्टी का झंडा लाया गया था.
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद दोपहर 12.35 बजे गांधी मैदान के समीप जेपी गोलंबर के अंदर प्रवेश कर गये. उन्होंने लोकनायक की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद 12.45 बजे राजभवन मार्च के लिए निकल पड़े. कुछ दूर चलने के बाद वह खुले वाहन पर सवार हो गये. उनके साथ वाहन पर जगदानंद प्रसाद सिंह, सांसद जयप्रकाश नारायण यादव भी मौजूद थे. जैसे ही वे डाकबंगला के पास पहुंचे वहां पर बड़ी संख्या में मौजूद फोटोग्राफरों ने तस्वीर लेनी शुरू की , लालू प्रसाद ने सभी को अह्वान किया कि राजभवन
मार्च करो, सभी का इसमें भला होनेवाला है.
राजभवन मार्च के बाद आर ब्लॉक से 29 राजद के नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल को मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपनेवालों में डॉ रामचंद्र पूव्रे, मुंद्रिका सिंह यादव, जयप्रकाश नारायण, शैलेश कुमार ऊर्फ बुलो मंडल, जगदानंद सिंह, अब्दुलबारी सिद्दीकी, मो इलियास हुसैन, भोला यादव, तेज प्रताप यादव, श्रीभगवान सिंह कुशवाहा, भाई वीरेंद्र, अलोक कुमार मेहता आदि मौजूद थे.
राइफल चलाने को लेकर भड़के लालू
लालू प्रसाद जैसे ही आर ब्लॉक पर बजे मंच पर पहुंचे, गरजे कि कौन चैनल दिखा रहा था कि रैली में गोली चली है. वह गोली चलाने का प्रमाण लाकर दे, नहीं तो सार्वजनिक रूप से खंडन करो कि गोली नहीं चली है. उन्होंने किसी चैनल का नाम नहीं लिया. हालांकि गांधी मैदान में दो नेता अपने निजी हथियार के साथ पहुंचे थे. जैसी ही कैमरामैनों ने उनका पीछा किया वे अविलंब गाड़ी में हथियार को रखकर रफ्फूचक्कर हो गये. हालांकि यह पहचान नहीं हो पायी कि निजी हथियार लानेवाले किस नेता के साथ आये थे. इधर अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि अगर इस तरह की बात है तो इसकी जांच होगी. अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बरदास्त नहीं होगी. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
सरकार का दाना-पानी खत्म, घर जाओ
जदयू सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे लालू प्रसाद ने हजारों की भीड़ को उस समय चौका दिया, जब उन्होंने कहा कि पटना के पदाधिकारियों और मजिस्ट्रेट द्वारा राजभवन मार्च में पूरी तरह से लापरवाही बरती गयी है. प्रशासन की इस लापरवाही को लेकर वह आर ब्लॉक पर ही धरना पर बैठेंगे. उन्होंने प्रशासन और कार्यकर्ताओं को कहा कि जिस तरह से जेल में आदमी कैदी होता है तो उनको नाश्ता-खाना खिलाया जाता है. वह काम प्रशासन करे. इधर प्रशासन के लोग भी सकते में आ गये. सभा के समाप्ति के बाद फिर लालू प्रसाद बोल उठे कि सरकार के खजाना में दाना-पानी खत्म हो गया है. अब मैं आपलोगों को छोड़ देता हूं. घर चले जाइए.
बादल व फुहारों के बीच रैली बनी सुहानी
राजद की रैली को मौसम ने पूरा सुहाना बना दिया. इस मौसम में गरमी को लेकर नेताओं को पहले से पसीने छूटने की आशंका था. पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. राजभवन मार्च के पहले से बादल छाने और तेज हवा के कारण किसी को पसीने में भींगने की जरूरत नहीं पड़ी. हां हुआ यह कि जैसे ही राजद की रैली स्टेशन गोलंबर के आगे बढ़ा, बारिश की हल्की फुहार शुरू हो गयी. बस अब क्या लोग छिपते छिपाते आर ब्लॉक पहुंचे. वहां पर भी बौछार के कारण कुर्सी और दरी व चादर गीला हो गया. सभी नेता और कार्यकर्ता खड़े होकर ही लालू प्रसाद के भाषण को सुन सके.
कभी जेपी गोलंबर तो कभी गांधीमैदान आते-जाते रहे कार्यकर्ता
राजद का राजभवन मार्च का आरंभ बिंदु क्या होगा, इसको लेकर नेताओं और कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति बनी रही. जेपी गोलंबर के पास खड़े किये गये वाहन से यह बार-बार एनाउंस किया जाता रहा कि सभी नेता व कार्यकर्ता गांधी मैदान के अंदर प्रवेश करें. गांधी मैदान के अंदर से ही मार्च का आरंभ होगा. घोषणा होने के बाद नेता और कार्यकर्ता गांधीमैदान की ओर निकल जाते और कुछ समय बाद लौटकर वापस आ जाते. हालांकि लालू प्रसाद जेपी गोलंबर पहुंचे और वहीं से मार्च का आरंभ हुआ.
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