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धूमकेतु की तरह विलुप्त होगी भाजपा
विधानसभा में विश्वासमत के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर जम कर साधा निशाना पटना : लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के काला धन वापस लाने और हर के खाते में 10-15 लाख रुपये जमा कराने की घोषणा का क्या हुआ? उक्त सवाल बुधवार को मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में भाजपा से […]
विधानसभा में विश्वासमत के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर जम कर साधा निशाना
पटना : लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के काला धन वापस लाने और हर के खाते में 10-15 लाख रुपये जमा कराने की घोषणा का क्या हुआ? उक्त सवाल बुधवार को मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में भाजपा से पूछा. वे सदन में विश्वासमत पर अपना पक्ष रख रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह इसे अब जुमला करार दे रहे हैं. बिहार की जनता भाजपा के जुमलेबाजी पर यकीन नहीं करने वाली है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली चुनाव में कहा था ‘दिल्ली का मूड-देश का मूड है’. क्या भाजपा को देश का मूड पता नहीं चल रहा? बिहार में भाजपा की तरक्की हमारे सहयोग से हुई है. हम जब-तक साथ नहीं थे, तब विधानसभा में भाजपा-जनसंघ की क्या संख्या थी?
उन्होंने खुलासा किया कि जब गंठबंधन तोड़ने की नौबत आयी थी, तो हमने भाजपा के साथियों को बैठक में बुलाया था, किंतु वे नहीं आये. भाजपा एक बार हमसे मिल तो लेती. बैठक में ही अलग होने का रोड-मैप तैयार हो जाता. यह कोई छुपी बात नहीं कि जदयू को गंठबंधन से अलग होने की नौबत क्यों आयी. बैठक में भाजपा विधानसभा भंग करने की सलाह देती, तो हम उससे भी नहीं मुकरते. सरकार का ढाई वर्ष का कार्यकाल बचा था. मेरी भी कोई जिम्मेवारी थी. 2010 में मेरे नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था.
उन्होंने कहा कि भाजपा के पुराने वक्तव्यों पर टिप्पणी करना बेमानी है. मैं ही नहीं, जनता जानना चाहती है कि चुनाव में भाजपा ने जो वायदे किये, पूरे हुए क्या? मैंने इसलिए भाजपा के चुनावी वायदों का ऑडियो टेप सुनाना शुरू किया. अब भाजपा मेरा अनुसरण करने की सोच रही है.
वह अब मेरे द्वारा लालू प्रसाद और लालू जी द्वारा मेरे खिलाफ कही गयी बातों का ऑडियो टेप सुनाने की तैयारी कर रही है. हम स्वीकार करते हैं कि तब लालू जी ने मेरे खिलाफ और मैंने लालू जी के खिलाफ कई बातें कही थीं.
उन्होंने कहा कि महादलित शब्द का प्रचलन किसने शुरू किया, भाजपा बताये. मैंने ही शुरू किया था. भाजपा आज महादलित की हितैषी बनने की बात कर रही है. ‘मांझी सरकार के रहते नहीं खत्म होगा खरमास.’ विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव का बयान उन्होंने पढ़ कर सुनाया. उन्होंने कहा कि इसी से साबित हो जाता है कि भाजपा महादलित का कितना सम्मान करती है. आज भाजपा धर्म जाति के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश कर रही है. उसे गरीबों की नहीं, कॉरपोरेट घरानों की फिक्र है.
भाजपा का भूमि अधिग्रहण कानून काला-कानून है. उन्होंने कहा कि आज सदन में देख लीजिए, चार पार्टियां और पांच निर्दलीय एक साथ हैं. भाजपा अकेली है, क्यों? भाजपा के वाक-आउट कर जाने पर उन्होंने कह कि हमारे जबाव का तो वे सामना कर नहीं पा रहे, बिहार की जनता के सवालों का सामना कैसे करेंगे? एक-एक व्यक्ति को मालूम है, भाजपा अफवाह फैलाने में मास्टर है.
दिल्ली में 70 हजार स्वयं सेवकों को भाजपा ने उतारा था, किंतु नाकामयाब रही. राम पर भाजपा अपना एकाधिकार मान रही है. आज कल वह शिव चर्चा करा रही है और उसमें भाजपा के लिए प्रचार भी कर रही है. उन्होंने कहा कि लड़ाई हिंदू-मुस्लिम के बीच नहीं, बल्कि कट्टरपथीं हिंदू और उदार हिंदू के बीच है. भाजपा के पास आज देश बनाने का रोड मैप नहीं है. भाजपा बिहार को ले कर कोई मुगालते में न रहे. धूमकेतु की तहर विलुप्त हो जायेगी भाजपा. बिहार एकजुट रहेगा.
चार दलों की एकजुटता के कारण अलग-थलग पड़ गयी भाजपा : नीतीश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने के बाद बताया कि चार दलों की एकजुटता के कारण भाजपा बिहार में अलग-थलग पड़ गयी है. जदयू, राजद, कांग्रेस व सीपीआइ की एकजुटता का परिणाम है कि बुधवार को मंत्रिपरिषद को विश्वास मत हासिल हुआ. सरकार को 140 के मुकाबले शून्य से विश्वासमत प्राप्त हो चुका है. इसकी सूचना विधानसभा के माध्यम से राज्यपाल को भेज दी गयी है. विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने भाजपा को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि भाजपा को यह मालूम है कि किसी भी दल में नेतृत्व परिवर्तन होता है.
अगर यह किसी दल के अंदर का मामला था, तो उसे बीच में कूदने की जरूरत क्या थी. पर उनकी कोशिश थी कि उनकी मरजी की सरकार बने. सदन के अंदर जिस तरह के पोस्टर व प्ले कार्ड दिखाये जा रहे थे, उसके संकेत क्या थे. वे श्रीराम को भी लीविंग के रूप में खड़ा कर सकते हैं, तो भाजपा को अब जय श्रीराम की जगह अब जय जीतन राम के नारे के साथ चुनाव लड़ना चाहिए. भाजपा अब जाति के आधार पर समाज को बांटना चाहती है. दोनों सदनों में प्रतिपक्ष के नेताओं का बयान सुनाया. ये क्या चाहते थे और ठीकरा मेरे माथे थोपते थे. उन्होंने बताया कि विपक्ष के आरोप को गंभीरता से लेते थे.
मर्जर अभी टला नहीं है
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जनता महापरिवार का मर्जर अभी टला नहीं है. छह दलों की बातचीत अभी चल रही है. सैद्धांतिक रूप से सभी सहमत हो गये हैं. उसका वक्त आ रहा है. कोशिश है कि उसमें ज्यादा विलंब न हो. मुलायम सिंह यादव की तबीयत खराब थी. अब वह सभी दलों की बैठक बुलाकर उसमें आगे की प्रक्रिया पर पहल करेंगे. वहीं नीतीश कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को बेदाग छवि का नेता बताया. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डॉ सिंह की ईमानदारी पर कोई उंगली नहीं उठा सकता. तकनीकी कारण से कोई आरोप है तो जांच एजेंसी अपना काम करेगी.
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