संवाददाता, पटनाजदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी आंकड़ों की बाजीगरी खूब जानते हैं और इसमें बिहार की आम जनता को भी खूब फंसाते हैं. वे जो आंकड़े पेश कर रहे हैं उन विकास के आंकड़ों की हकीकत यह है कि नीतीश कुमार ने अपनी सूझ-बूझ और नीति की वजह से ही बिहार जहां माइनस में था उसे प्लस में लाया है. केंद्र सरकार की तरफ से बिहार की अनदेखी करने और केंद्र की उदासीनता के बावजूद इस प्रदेश के विकास को लेकर दृढ़ निश्चय कमजोर नहीं हुआ है. योजना आयोग के आंकड़े बताते हैं कि साल 1960-61 से 1968-70 के बीच बिहार का देश में सबसे कम 0.7 प्रतशित सकल घरेलू उत्पाद दर था. इससे बिहार को नीतीश कुमार ने बाहर निकालने का काम किया है और बिहार हर क्षेत्र में विकास का नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. उदाहरण के तौर पर राष्ट्रीय औसत से बिहार का साक्षरता विकास दर बहुत आगे है. देश का औसत साक्षरता विकास दर 9.28 फीसदी है, वहीं बिहार औसत साक्षरता विकास दर 16.82 फीसदी है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि सुशील मोदी ने खुद माना है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज, विशेष ध्यान की कितनी जरूरत है, लेकिन सुशील मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिल कर गाल में गाल बजाते हैं. उन्हें बिहार के विकास से कोई मतलब नहीं है. नीतीश कुमार जब भी केंद्र से ठोस परिणाम की बात करते हैं तब सुशील मोदी केंद्र से मिल कर योजनाओं को कारगर नहीं होने देते हैं.
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आंकड़ों की बाजीगरी जानते हैं सुशील मोदी : संजय सिंह
संवाददाता, पटनाजदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी आंकड़ों की बाजीगरी खूब जानते हैं और इसमें बिहार की आम जनता को भी खूब फंसाते हैं. वे जो आंकड़े पेश कर रहे हैं उन विकास के आंकड़ों की हकीकत यह है कि नीतीश कुमार ने अपनी सूझ-बूझ और […]
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