क्लास नौवीं से ऊपर छात्र-छात्र अनुपात पूर्व में 56:44 था. वर्तमान में यह 54:46 हो गया है. जब मानव विकास मिशन का गठन किया जा रहा था, तो उस वक्त सबसे अधिक चिंता बढ़ती आबादी को लेकर थी. तब राज्य में प्रजनन दर 3.9 थी. अब यह दर 3.6 हो गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा, हर 10 वर्षो पर राज्य की आबादी में 25 फीसदी का इजाफा हो रहा है. क्षेत्रफल सीमित है. स्कूल खोले जा रहे हैं, जो अपर्याप्त हो जा रहे हैं. अस्पताल अपर्याप्त हो जा रहे हैं. इन सबका एकमात्र निदान है लड़कियों की शिक्षा. यह पाया गया कि मैट्रिक पास महिलाओं की राष्ट्रीय स्तर पर प्रजनन दर दो फीसदी थी और बिहार में भी मैट्रिक पास महिलाओं की प्रजनन दर दो थी. राष्ट्रीय स्तर पर प्लस टू पास महिलाओं की प्रजनन दर 1.7 थी, जबकि बिहार में यह प्रजनन दर 1.6 थी. यह आबादी को नियंत्रण करनेवाली कुंजी थी. इसी के आधार पर हर पंचायत में प्लस टू विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया. शिक्षा से भ्रूण हत्या के लिए कोई महिला तैयार नहीं होगी. बाल विवाह का नाश हो जायेगा.
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महिला सशक्तीकरणः सीएम ने महिलाओं के लिए की 1 लाख के इनाम की घोषणा
पटना: राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण योगदान देनेवाली महिलाओं को पुरस्कृत करेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि हर जिले में इस दिशा में उत्कृष्ट काम करनेवाली एक महिला को 50 हजार रुपये, जबकि राज्य स्तर चयनित […]
पटना: राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण योगदान देनेवाली महिलाओं को पुरस्कृत करेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि हर जिले में इस दिशा में उत्कृष्ट काम करनेवाली एक महिला को 50 हजार रुपये, जबकि राज्य स्तर चयनित महिला को एक लाख नकद दिया जायेगा. इस तरह साल में 39 महिलाओं को पुरस्कृत किया जायेगा.
महिला कोषांग का होगा विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए अलग से राज्य नीति तैयार की जा रही है. इसकी घोषणा बिहार दिवस के मौके पर 22 मार्च को की जायेगी. उन्होंने हुनर कार्यक्रम के तहत औजार खरीदने के लिए दी जानेवाली राशि को 2500 से बढ़ा कर पांच हजार रुपये करने की घोषणा की. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के 23 पुलिस थानों में खुले महिला कोषांग का विस्तार अनुमंडल स्तर पर किया जायेगा. अब 112 अनुमंडल स्तर के थानों में इसका गठन किया जायेगा.
राज्य में अपने बलबूते खुद की राह बनानेवाली महिलाओं की कहानी उनकी ही जुबानी सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को निर्देश दिया कि ऐसी लड़कियों और महिलाओं को सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जाये. उन्होंने मुजफ्फरपुर की एक लड़की गुड्डी को खुद बुला कर मदद करने के लिए मुख्य सचिव को कहा. गुड्डी जूडो-कराटे का स्कूल खोलना चाहती है. उन्होंने आश्वासन दिया कि गुड्डी को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से न हटना पड़े, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. ऐसी महिलाओं को सरकार की ओर से अलग से वेटेज देने का भी निर्देश दिया. नीतीश कुमार ने बताया कि मुझसे कोई पूछे कि बिहार की वास्तविक तसवीर क्या है, तो मेरा एक ही जवाब होगा- साइकिल चला कर स्कूल जाती हुईं लड़कियां. साइकिल से लड़कियों के अरमानों को पंख लग गये हैं. इससे बड़ा परिवर्तन और कुछ हो ही नहीं सकता.
जीविका के माध्यम से 2017 तक राज्य में 10 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जायेगा. इससे 1.5 करोड़ परिवारों को जोड़ा जायेगा. पूर्णिया जिले की स्वयं सहायता समूहों ने बेहतर काम किया है. स्वयं सहायता समूह की सदस्य न सिर्फ पढ़ना-लिखना सीख रही हैं, बल्कि बैंकिंग की जानकारी भी उनके पास है.अब वे अपनी प्रोसिडिंग लिखना भी जान गयी हैं. सेनेटरी नैपकिन की दो-तीन दिन पहले समीक्षा की गयी थी. यह तय हुआ कि इसके लिए नकद राशि दे दी जाये और स्वयं सहायता समूहों को इसके निर्माण के लिए प्रमोट किया जाये.
नये लेवल में जन धन योजना
नीतीश कुमार ने इशारों में प्रधानमंत्री के जन धन योजना को पुरानी योजना बताया. कहा, बैंकों से जोड़ने का काम पुराना है. नये लेबल में जन धन योजना लायी गयी है. कहावत है कि नयी बोतल में पुरानी शराब. नाम चाहे जो हो, बैंकों से लोगों को जोड़ने की योजना नयी नहीं है. जब राज्य में पोशाक योजना की शुरुआत की गयी थी, उस वक्त पोस्ट ऑफिस में खाता खोल कर उसके माध्यम से राशि का वितरण किया जाता था. यह तो अच्छी बात है कि सभी का एकांउट खुल जाये. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जेंडर रिसोर्स सेंटर का उद्घाटन किया और स्वच्छ बिहार, बाल कुपोषण मुक्त बिहार रथ को हरी झंड़ी दिखायी.
समारोह को समाज कल्याण मंत्री लेसी सिंह, समाज कल्याण सचिव अरविंद कुमार चौधरी, जीविका की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी डॉ एन विजयलक्ष्मी ने भी संबोधित किया. इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री रंजू गीता, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त एसके नेगी, डीजीपी पीके ठाकुर व बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों की सदस्य मौजूद थीं.
इनको मिला पुरस्कार
लोक गायिका शारदा सिन्हा, सिस्टर सुधा वर्गीज, उषा किरण खान, नूरजहां, श्रेयसी सिंह, सुनीता कुमारी, फातिमा खातून, शगुफ्ता यासमिन, आशा देवी, राजकुमारी देवी, सुमन देवी, वैष्णवी देवी, लाली बेगम, माथा बेगम व ललिता बनर्जी.
आपबीती सुनायी
समारोह में मुजफ्फरपुर की गुड्डी, कल्पना देवी, मीना फातमी, रानी बेगम, आशा देवी और आसमां परवीन ने आपबीती सुनायी और अपनी राह खुद बनाने की कहानी सुनायी.
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