बिहटा: बिहटा थाना क्षेत्र के कटेसर गांव में रविवार की रात दीवार ढहने से वृद्ध दंपती व उसके पोते की मौत हो गयी. घर की कच्ची दीवार बारिश के दौरान गिर गयी. ग्रामीणों को घटना की जानकारी सोमवार की सुबह मिली. मलबे से तीनों को बाहर निकाला गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने हंगामा किया. काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने आक्रोशितों को समझा-बुझा कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए दानापुर भेजा.
रह रहे थे बेटों से अलग
जानकारी के अनुसार, महादलित परिवार के शिवपूजन राम (55 वर्ष) बीती रात अपनी पत्नी शिवझड़ी देवी (50 वर्ष) व पोते रोहित कुमार (11 वर्ष) के साथ घर में सोये थे. देर रात हुई तेज वर्षा के कारण की कच्ची दीवार ढह गयी. तीनों लोग उसमें दब गये. वर्षा होने के कारण आसपास के लोग दीवार ढहने की आवाज नहीं सुन पाये. सुबह जब घर का दरवाजा नहीं खुला व बाहर से आवाज देने के बाद भी किसी ने नहीं बोला, तो दरवाजा तोड़ कर अंदर घुसने पर लोग सन्न रह गये. अंदर सोये तीनों लोग मलबे में दबे हुए थे. लोगों ने तीनों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनलोगों की मौत हो चुकी थी.
बताया जाता है कि शिवपूजन राम के दो पुत्र हैं. वे लोग इंदिरा आवास योजना के तहत बने मकान में रहते है. शिवपूजन अपनी पत्नी के साथ अपने पैतृक जजर्र मकान में रह रहे थे. स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार स्थानीय प्रतिनिधियों व अधिकारियों से इंदिरा आवास के लिए गुहार लगायी थी, लेकिन किसी ने उनकी गुहार नहीं सुनी. बीडीओ नरेंद्र प्रसाद ने बताया क मृतक का नाम बीपीएल सूची में नहीं था. इस कारण योजना का लाभ नहीं मिल पाया था. माले नेता गोपाल सिंह के नेतृत्व में जांच दल ने घटनास्थल पर पहुंच प्रशासन को दोषी ठहराते हुए मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.