पटना: कार्यवाहक मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को वह जब राजभवन इस्तीफा देने गये थे उस समय उनके पास विधानसभा भंग करने का सिफारिशी पत्र भी था. लेकिन वे यह पत्र राज्यपाल को दे नहीं पाये. जेब में चिट्ठी धरी ही रह गयी. इस्तीफे के बाद एक समाचार चैनल में दिये गये साक्षात्कार में मांझी ने यह खुलासा किया है.
अपनी बेबाक बातचीत में मांझी ने यह भी कहा कि वह रविवार को राजभवन में आयोजित नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे और उन्हें मुख्यमंत्री बनने पर बधाई भी देंगे. मांझी ने यह भी कहा कि यदि नीतीश कुमार उनसे गले मिलेंगे तो वह भी आगे बढ़ कर गले मिलेंगे. उन्होंने कहा कि उनके मन में नीतीश कुमार के लिए कोई बैर नहीं है.
मांझी ने साफ किया कि वे नीतीश से अनुरोध करेंगे कि गरीबों के लिए जिस काम और योजनाओं की शुरुआत उन्होंने की है उसे वे पूरा करें. इसमें वो अगर सहयोग की अपेक्षा रखेंगे या फिर उन्हें दिक्कत होगी तो वे उन्हें मदद करेंगे. 1, अणो मार्ग स्थित सीएम हाउस में जीतन राम मांझी दिन भर रहे. उन्होंने सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक न्यूज चैनल्स को एक-एक कर इंटरव्यू दिया. सभी चैनल्स के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया था. इस बीच जदयू के वरिष्ठ नेता शकुनी चौधरी, पूर्व मंत्री वृशिण पटेल, डा. भीम सिंह, डा. महाचंद्र प्रसाद सिंह, सम्राट चौधरी, विनय बिहारी और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी समेत अन्य नेता भी सीएम हाउस पहुंच कर मांझी से विचार- विमर्श किया.
मांझी आज करेंगे उपवास : कार्यवाहक मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी रविवार को वह 1, अणो मार्ग में उपवास पर बैठेंगे. इस उपवास में उनका साथ उनके समर्थित विधायक और विधान पार्षद के अलावा अन्य नेता भी देंगे. यह उपवास जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाने और सरकार के गिराने के विरोध में दिया जायेगा. मांझी समर्थित विधायकों को कहना है कि साजिश के तहत एक दलित मुख्यमंत्री को हटाया गया है और नीतीश कुमार खुद मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. इसी के विरोध में एक दिन उपवास किया जायेगा. फिलहाल उपवास कार्यक्रम 1, अणो मार्ग में निर्धारित है, लेकिन रविवार की सुबह किसी सार्वजनिक स्थान का चयन कर इसे बदला भी जा सकता है.