विजय कुमार चौधरी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, नेता प्रतिपक्ष से नंदकिशोर यादव को हटाने और नीतीश कुमार को विधानमंडल दल का नेता की मान्यता दे कर उन्होंने असंवैधानिक काम किया. हमने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के पास सारी बातें रखी और मांग की थी कि अगर वे गुप्त मतदान करा दें, तो हमारे पक्ष में 140 से ज्यादा विधायक मतदान करेंगे. विधानसभा में सीटिंग अरेजमेंट भी गलत थी. चीफ व्हीप भी नियुक्त करना सीएम का काम है और उन्होंने किया, लेकिन स्पीकर ने उसे मान्यता नहीं दी और दूसरे को बना दिया.
वोट देने की बारी आती. अगर किसी तरह हम हार जाते, तो जो विधायक हमारे पक्ष में वोट करते उनकी सदस्यता जाने का खतरा होता. यह मुङो मंजूर नहीं था. उन्होंने कहा कि अगर उदय नारायण चौधरी की जगह दूसरा स्पीकर होता तो वह बहुमत साबित कर देते. मांझी ने कहा कि वे राजभवन बिहार विधानसभा भंग करने का पत्र भी लेकर गये थे, लेकिन उन्होंने राज्यपाल को नहीं दिया. मैंने अपने इस्तीफे के साथ स्पीकर के खिलाफ शिकायत पत्र सौंपा था.