पटना: बिहार में पांव पर कुल्हाड़ी मारने की घटना हो रही है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. आठ माह से बिहार किस स्थिति में है? यह सभी देख रहे हैं. उक्त बातें गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री सह कपड़ा राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहीं. वह एसके मेमोरियल हॉल में कुर्मी चेतना रैली की वर्षगांठ पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. सम्मेलन का आयोजन सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता परिषद ने किया था. उन्होंने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल को किसी ने सम्मान नहीं दिया. भाजपा ने ही उन्हें मान-सम्मान दिया. नरेंद्र मोदी उनकी लौह प्रतिमा बनवा रहे हैं.
संतोष गंगवार ने कहा कि बिहार देश की राजनीति को नयी दिशा देता रहा है. इस बार भी राष्ट्र को यहां से नयी दिशा मिलेगी. बिहार में गंठबंधन टूटते ही, तरक्की नहीं दिख रही है. भाजपा चाहती है कि बिहार की तरक्की सबको दिखे. बिहार की तरक्की के लिए लोगों को मिल जुल कर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने गांवों को विकास से जोड़ने का न सिर्फ संकल्प लिया है, बल्कि योजना भी बनायी है. उस पर लगातार काम हो रहा है. 11 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खुले. किसी दल या नेता का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि लोगों को दूसरों की चिंता छोड़ देनी चाहिए. आगे क्या करना है. उसकी फिक्र करनी चाहिए. बिहार को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है. इस पर सबको सोचना होगा. भाजपा चाहती है कि बिहार को अच्छी सरकार मिले.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा सदैव कुर्मी समाज की हितैषी रही है. सरदार बल्लभ भाई पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति लगाने का काम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. यह काम कोई गुजराती कर रहा है. इस नाम पर विरोध नहीं होना चाहिए. गुजरात और बिहार के बीच गहरा संबंध रहा है. सरदार पटेल के वंशज हमारे साथ रहे हैं. यूपी की सांसद अनुप्रिया हमारे साथ हैं. लालू प्रसाद के साथ रह कर कोई भी दल बिहार के विकास की गारंटी नहीं दे सकता.
भाजपा-जदयू के लोग मिल कर रहते, तो आज बिहार कहां-से-कहां रहता. जिस राजद के खिलाफ वोट मांग कर नीतीश कुमार ने सरकार बनायी थी. आज उसी के साथ मिल गये हैं. बिहार की जनता किसके साथ है. इसे यहां की जनता ने लोकसभा चुनाव में साफ कर दिया है. बिहार के राजनीतिक संकट पर उन्होंने कहा कि विधानसभा के फ्लोर पर जिसका बहुमत होगा, वही सीएम बनेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न मनमोहन सिंह हैं, न राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी व बूटा सिंह हैं. सम्मेलन को पूर्व राज्यपाल सिद्धेश्वर प्रसाद, पूर्व डीजीपी आशीष रंजन सिन्हा, राजीव रंजन पटेल, दिलीप सिन्हा, रामनाथ विद्यार्थी और भूषण जी ने भी संबोधित किया.
कटिहार जूट मिल चालू कराने में केंद्र करेगा मदद
कपड़ा उद्योग राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि बिहार में बंद पड़े कटिहार जूट मिल को चालू कराने में केंद्र सरकार मदद करेगी. केंद्र सरकार ने इसकी योजना भी बनायी है. उन्होंने कहा कि भागलपुर के रेशम उद्योग के विकास के लिए भी केंद्र मदद करने को तैयार है. निफ्ट के माध्यम से भागलपुर के रेशम उद्योग का विकास होगा. इसके लिए केंद्र ने 28 करोड़ रुपये भी दिये हैं. कलस्टर योजना के तहत रेशम वस्त्रों के लिए मार्केट भी मुहैया कराया जायेगा. उन्होंने रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार से स्कील डेवलपमेंट प्लान चलाने की अपील की. बिहार में सर्वाधिक नियोजन की संभावना टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री में ही है. उन्होंने कहा कि केंद्र बिहार के मधुबनी पेंटिंग को भी बढ़ावा देगा. बिहार में 40 वर्ष पूर्व जिस तरह मधुबनी पेंटिंग घर-घर में बनती थी. केंद्र चाहता है. उसी तरह मधुबनी पेंटिंग का काम हो. ओड़िसा सरकार ने अपने यहां की मशहूर पेंटिंग को बढ़ावा देने की पहल की है. हम चाहते हैं कि बिहार सरकार भी इस मोरचे पर पहल करे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों ने यदि पहल की,तो टेक्सटाइल्स उद्योग में भारत 2020 तक चीन से भी आगे निकल जायेगा.
सुशील मोदी के विरोध में लगे नारे
गुरुवार को एसके मेमोरियल हॉल में कुर्मी चेतना रैली के वर्षगांठ समारोह में सुशील मोदी के विरोध में जम कर नारेबाजी हुई. समारोह में उन्होंने जैसे ही कहना शुरू किया, वैसे ही समारोह में आये 40-50 लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. नारेबाजी कर रहे लोगों का जत्था सुशील मोदी को समारोह में बुलाये जाने का विरोध कर रहा था. आयोजकों ने नारेबाजी कर रहे लोगों को समझा-बुझा कर बाहर किया. कार्यक्रम के संयोजक और सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता परिषद के अध्यक्ष राजीव रंजन पटेल ने बताया कि सुशील मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे लोग नीतीश कुमार द्वारा भेजे गये लोग थे. सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता परिषद ने कभी नीतीश कुमार का समर्थन नहीं किया. परिषद को समय-समय पर इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा है.