पटना : मीटर लगानेवाली एजेंसियों की बहानेबाजी अब नहीं चलेगी. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने मीटर एजेंसियों की कार्यशैली पर नजर रखने का निर्णय लिया है. वह किसी थर्ड पार्टी से मीटर लगाने या रीडिंग करनेवाली एजेंसी के बारे में फीडबैक लेगी. अगर उपभोक्ताओं ने नाराजगी जतायी, तो एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. इसके तहत एजेंसी को मीटर लगाने या रीडिंग के काम से मुक्त भी किया जा सकता है.
राज्य में अभी 34 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं. अगस्त तक सभी उपभोक्ताओं के घर में मीटर लगाने की योजना है. कंपनी की कोशिश है कि सितंबर से मीटर रीडिंग के मुताबिक उपभोक्ताओं को बिजली बिल दिया जाये. फिलहाल, यह काम निजी एजेंसियों के माध्यम से किया जा रहा है.
उपभोक्ताओं की शिकायत रहती है कि बार–बार कहने पर भी एजेंसी मीटर नहीं लगाती या लगती है, तो निम्न किस्म का जो कुछ ही दिनों में जल जाता है. उपभोक्ताओं की यह भी शिकायत रहती है कि मीटर रीडिंग करने में उनके साथ एजेंसी के कर्मचारी मनमाना रवैया अपनाते हैं. हर माह मीटर की रीडिंग नहीं होने से उन पर आर्थिक बोझ पड़ता है. उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अब थर्ड पार्टी से इन एजेंसियों की कार्यशैली की समीक्षा करायी जायेगी. कुल उपभोक्ताओं का पांच प्रतिशत या डेढ़ लाख से अधिक उपभोक्ताओं से संपर्क साधा जायेगा.
* थर्ड पार्टी की जिम्मेवारी
* 5 प्रतशित उपभोक्ताओं से संपर्क
* मीटर के काम करने या रीडिंग प्रक्रिया पर उपभोक्ताओं से ली जायेगी जानकारी
* पटना से होगी शुरुआत, अन्य जिलों में भी होगा लागू
* उपभोक्ताओं को लाभ
* मीटर सही तरीके से करेगा काम
* मीटर रीडिंग से संबंधित शिकायत होगी दूर
* एजेंसी की मनमानी के खिलाफ शिकायत का मिलेगा मौका