लाइफ रिपोर्टर@पटनारघु कुल रीति सदा चली आयी… प्राण जाये पर वचन ना जाये… राजा दशरथ अपने वचन को निभाने की वजह से राम को 14 साल तक वनवास भेज देते हैं. राम, लक्ष्मण और सीता वन में जा कर कई तरह की परेशानियों का सामना करते हैं. वन में सीता का हरण लंका का राजा रावण द्वारा हो जाता है. इसके बाद शुरू होती है राम और रावण की लड़ाई. रामायण के ऐसे कई दृश्य देखने को मिले भारतीय नृत्य कला मंदिर में, जहां वनबंधु परिषद का षष्टम वार्षिकोत्सव आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य सभा सांसद अर के सिन्हा द्वारा किया गया, जहां मुख्य वक्ता के रूप में वनबंधु परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक रामेश्वर लाल मौजूद थे, जिन्होंने संस्था को बधाई दी. साथ ही मौजूद दर्शकों को कार्यक्रम में भाग लेने लिए धन्यवाद कहा. इस मौके पर संस्था के संयोजक सुनील खेमका, सचिव संजय कुमार के अलावा कई मेंबर्स मौजूद थे.सियावर राम चंद्र की जयरामायण एक धार्मिक कथा के साथ-साथ सांस्कृतिक दस्तावेज भी है. इसलिए इस अवसर पर राधिका क्रियेशन्स द्वारा राम कथा पर आधारित सांस्कृतिक नाट्य सियावर राम चंद्र की जय आयोजित किया गया. इसमें राम के सभी रूप को बखूबी दर्शाया गया. राम और रामायण की दृश्य को देख बैठे दर्शक भी भक्तिमय हो गये. ऐसा लगा जैसे राम साक्षात मंच पर मौजूद हैं. इस नाट्य प्रस्तुति में दिखाये गये सभी दृश्य और डॉयलोग्स लोगों को खुश कर दिया. इसलिए मौजूद दर्शकों ने भरपूर तालियों सो सभी कलाकारों का हौसला बढ़ाया. नाटक में भाग लिये सभी कलाकार नागपुर से आये थे, जिन्होंने मर्यादा पुरूषोत्तम रामचन्द्र के जीवन पर आधारित नाटक को दिखा कर दिल जीत लिया.
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मंच पर दिखा राम की कहानी
लाइफ रिपोर्टर@पटनारघु कुल रीति सदा चली आयी… प्राण जाये पर वचन ना जाये… राजा दशरथ अपने वचन को निभाने की वजह से राम को 14 साल तक वनवास भेज देते हैं. राम, लक्ष्मण और सीता वन में जा कर कई तरह की परेशानियों का सामना करते हैं. वन में सीता का हरण लंका का राजा […]
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