– एसोसिएशन ऑफ मुसलिम डॉक्टर का छठा वार्षिक सम्मेलनसंवाददाता, पटना चिकित्सकों का पेशा परोपकार का है. चिकित्सक धरती के भगवान होते हैं, यह बिल्कुल सच है. चिकित्सक किसी भी धर्म के हों, अपने नैतिक मूल्यों व परोपकार के जरिये समाज के गरीबों की सेवा करते हैं, जिसके कारण हमारे समाज में स्वस्थ वातावरण रहता है. ये बातें आचार्य किशोर कुणाल ने एसोसिएशन ऑफ मुसलिम डॉक्टर के छठे वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि चिकित्सक जहां भी रहेंगे अपने कर्मों के जरिये हमेशा सबसे ऊपर रहेंगे. उन्होंने कहा कि हर धर्म के लोगों का अपने धर्म पर विश्वास होता है, जिसके कारण बहुत बीमारियों का इलाज ठीक से नहीं हो पाता है. ऐसे में धर्म को विज्ञान के साथ जोड़ना होगा, ताकि सभी धर्म के लोग अपने धर्म के साथ स्वस्थ रहें. पीएमसीएच एनोटॉमी विभाग के एचओडी डॉ खुर्शीद आलम ने कहा कि बच्चों में होनेवाले संक्रमण का इलाज कम-से-कम जांच में हो सकती है. अगर बच्चे को खांसी के साथ सिर में दर्द या बुखार हो, तो चिकित्सकों को बीमारी की पहचान करने में मुश्किल नहीं आती है और इसके लिए जांच की जरूरत नहीं है. बदलते मौसम में बच्चों को कई तरह के संक्रमण होते हैं, जिसके कारण अधिकतर बच्चे खांसी व सर्दी की चपेट में आ जाते हैं. इसके लिए कम कीमत में दवा मौजूद है, जिसके नियमित सेवन से इलाज संभव है. मौके पर डॉ एए हई, डॉ मंसूर आलम, डॉ फकरुद्दीन, मो अतर अंसारी, डॉ मकबूल अहमद, डॉ जियाउर रहमान, डॉ अहमद अंसारी मौजूद थे.
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चिकित्सकों का पेशा परोपकार का : कुणाल-सं
– एसोसिएशन ऑफ मुसलिम डॉक्टर का छठा वार्षिक सम्मेलनसंवाददाता, पटना चिकित्सकों का पेशा परोपकार का है. चिकित्सक धरती के भगवान होते हैं, यह बिल्कुल सच है. चिकित्सक किसी भी धर्म के हों, अपने नैतिक मूल्यों व परोपकार के जरिये समाज के गरीबों की सेवा करते हैं, जिसके कारण हमारे समाज में स्वस्थ वातावरण रहता है. […]
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