संवाददाता.पटनाविधानसभा को भंग करने की सिफारिश का कैबिनेट से अधिकार लिये मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पार्टी को शनिवार को एक और झटका दिया. उन्होंने कैबिनेट की बैठक में विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव के विरोध में आये नीतीश समर्थक 15 मंत्रियों को बरखास्तगी की सिफारिश राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को भेज दी. इतना ही नहीं राज्यपाल से उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि वह जदयू अध्यक्ष शरद यादव की ओर से बुलाये गये विधायक दल की बैठक में लिये गये निर्णयों पर कोई कार्रवाई नहीं करे. उन्होंने इसके लिए तर्क देते हुए कहा कि विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री के नाते मुझे है.मुख्यमंत्री ने जिन मंत्रियों को हटाने की अनुशंसा की उनमें जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, वित एवं वाणिज्य कर मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, भवन निर्माण मंत्री दामोदर राउत, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, समाज कल्याण मंत्री लेसी सिंह, ग्रामीण कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह, सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह, पर्यटन मंत्री जावेद इकबाल अंसारी, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण श्रीमती बीमा भारती, गन्ना उद्योग मंत्री रंजू गीता, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री बैद्यनाथ सहनी एवं पंचायती राज मंत्री बिनोद प्रसाद यादव के नाम हैं. दिलचस्प यह कि मुख्यमंत्री ने विरोध में आये चार मंत्री मनोज कुशवाहा, नौशाद आलम, दुलालचंद गोस्वामी और रामलखण राम रमण की बरखास्तगी की सिफारिश नहीं की.
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इधर मांझी ने नीतीश समर्थक मंत्रियों को हटाने की अनुशंसा की उधर, मंत्रियों ने राज्यपाल को दिया अपना इस्तीफा
संवाददाता.पटनाविधानसभा को भंग करने की सिफारिश का कैबिनेट से अधिकार लिये मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पार्टी को शनिवार को एक और झटका दिया. उन्होंने कैबिनेट की बैठक में विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव के विरोध में आये नीतीश समर्थक 15 मंत्रियों को बरखास्तगी की सिफारिश राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को भेज दी. इतना ही […]
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