पटना: वर्तमान मानसून सत्र में विभिन्न मुद्दों को उठाने के बाद बिहार विधानमंडल (विधानसभा और विधान परिषद्) से बहिर्गमन की विपक्षी दलों भाजपा और राजद की चाल को टक्कर मार कर भागने जैसा बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि उनके पास राज्य सरकार का जवाब सुनने का धैर्य भी होना चाहिए.
बोध गया मंदिर (संशोधन) विधेयक 2013 पर चर्चा का जवाब देते हुए विधान परिषद् में मुख्यमंत्री ने कहा, विभिन्न मुद्दों को उठाने के बाद आदतन सदन से बहिर्गमन करते हुए विपक्ष (भाजपा और राजद) ने टक्कर मार कर भागने की नीति अपना ली है. उन्हें राज्य सरकार का उत्तर सुनने का धैर्य भी रखना चाहिए.
गैर-हिन्दू जिलाधिकारियों के बोध गया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) का अध्यक्ष बनने पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लक्ष्य से विधेयक लाने के राज्य सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए विधान परिषद् से भाजपा और राजद के विधानपार्षदों के बहिर्गमन के बाद नीतीश ने टक्कर मार कर भागने की नीती वाली टिप्पणी की.
नीतीश ने आश्चर्य जताया, विपक्ष के सदस्य किस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं ? इस टिप्पणी के बाद बोध गया मंदिर (संशोधन) विधेयक, 2013 में संशोधन करने के राज्य सरकार के निर्णय का बचाव किया और इससे बिहार की शांति भंग होने संबंध में भाजपा और राजद विधानपार्षदों द्वारा जतायी गई चिंताओं को कम करके आंका.