उधर, बैठक में विवि से जुड़ी समस्याओं और मुद्दों पर सदस्यों के सवालों का जब कुलपति प्रो वाइसी सिम्हाद्री और रजिस्ट्रार प्रो सुधीर श्रीवास्तव द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने जोरदार हंगामा किया और बिना जवाब दिये ही प्रतिकुलपति प्रो आरके वर्मा को बजट अभिभाषण पढ़ने के लिए भेजने का विरोध किया. एक सदस्य पप्पू वर्मा ने अभिभाषण के दौरान ही उनका माइक ही छीन लिया. इस वजह से थोड़ी देर तक बजट अभिभाषण बाधित रहा. काफी देर तक हंगामे के बाद अभिभाषण पढ़ा गया और अंतत: बजट को स्वीकृति दे दी गयी.
Advertisement
पटना विवि: अंदर घुसे छात्र, पुलिस ने भांजी लाठी
पटना: पटना विश्वविद्यालय की सीनेट की बैठक हंगामेदार रही. अंदर सदस्यों ने हंगामा किया, तो बाहर छात्र संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया. कई छात्र अंदर भी घुस गये. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया. इसमें कई छात्र चोटिल हो गये. छात्र अपने प्रतिनिधियों को सीनेट में शामिल करने, छात्र संघ चुनाव […]
पटना: पटना विश्वविद्यालय की सीनेट की बैठक हंगामेदार रही. अंदर सदस्यों ने हंगामा किया, तो बाहर छात्र संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया. कई छात्र अंदर भी घुस गये. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया. इसमें कई छात्र चोटिल हो गये. छात्र अपने प्रतिनिधियों को सीनेट में शामिल करने, छात्र संघ चुनाव कराने और छात्रों की विभिन्न समस्याओं को दूर करने की मांग कर रहे थे.
बैठक में 295.22 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया गया. इसमें आय 47.60 करोड़ दिखलायी गयी है. यानी 247.62 करोड़ घाटे का बजट प्रस्तुत किया गया. बैठक में सिंडिकेट में रखे गये सारे प्रस्तावों को आंशिक संशोधन के बाद स्वीकृति मिल गयी. इसमें खास तौर पर मैनेजमेंट स्टडीज के लिए भी पीजी डिपार्टमेंट खोलने का प्रस्ताव शामिल किया गया, जो सिंडिकेट में छूट गया था. इसके अतिरिक्त बजट में स्कॉलरशिप की फिक्स डिपॉजिट की राशि का भी जिक्र नहीं था, जिसके संशोधन का प्रस्ताव सिंडिकेट सदस्य नीतीश कुमार टनटन ने दिया. प्रो एनके चौधरी ने सभी विवि के लिए एक एक्ट बनाने के मामले को लेकर अपना विरोध दर्ज किया. यही एक मामला था जिस पर कुलपति ने भी अपना मुंह खोला और प्रो चौधरी के वक्तव्य का समर्थन करते हुए कहा कि इससे विवि के मूल स्ट्रक्चर ही बिखर जायेगा जिसके लिए यह विवि जाना जाता है. प्रो एनके चौधरी ने इंजीनियरिंग कॉलेज जो अब एनआईटी बन गया है और उसे अगल जमीन मिल गई है, बावजूद इसके पीयू का जमीन नहीं छोड़ने के मामले को उन्होंने उठाया.
उन्होंने सरकार के एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के कार्यशैली पर उंगली उठायी. प्रभात खबर द्वारा उठाये गये मुद्दे भी गूंजे सीनेट की बैठक में प्रभात खबर में छपी खबर और मुद्दे भी उठाये गये. प्रो सुहेली ने पीजी सेमेस्टर परीक्षा से पहले एक गर्भवती महिला को मेडिकल ग्राउंड पर फॉर्म नहीं भरने देने का मामला उठाया. प्रभात खबर ने इस मुद्दे को प्रमुखता के साथ छापा था. वहीं बलराम तिवारी ने 11वीं पंचवर्षीय योजना की राशि लैप्स करने का मामला उठाया. वहीं नीरज कुमार ने सिक्यूरिटी गार्ड रखने का मामला उठाया. प्रो सुहेली मेहता ने छात्रओं को विशेष तौर पर अटेंडेंस में पांच प्रतिशत की छूट देने का मामला उठाया. प्रो सुहेली ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का मुद्दा भी उठाया. प्रो एनके चौधरी ने हॉस्टलों के हेरिटेज घोषित होने के बाद अब तक सरकार के द्वारा काम नहीं कराये जाने के मामले को उठाया. कुलपति प्रो वाइसी सिम्हाद्री ने एक्ट बनने के बाद विवि के मूल स्ट्रक्चर पर प्रभाव करने की बात कही. इन सारे मुद्दों पर प्रभात खबर भी अपने खबरों के माध्यम से समय समय पर उठाता रहा है.
बैठक शुरू होते ही हंगामा
अप्लाइड इकोनॉमिक्स एंड कॉमर्स के प्रो चंद्रमा सिंह द्वारा मैनेजमेंट स्टडीज विभाग की लिस्ट में छूटने की चर्चा करते ही सोशल साइंस के डीन प्रो एनके चौधरी ने आपत्ति दर्ज की कि इस एजेंडे को आगे रखियेगा. इसके बाद ही हंगामा शुरू हो गया. प्रो शिवजतन ठाकुर भी प्रो एनके चौधरी के विरोध में खड़े होकर बोलने लगे. इसके बाद पूरी बैठक में रह-रह कर मुद्दे उठते रहे और हंगामा होता रहा. बैठक भी हंगामे के साथ ही समाप्त हुई.
आवास के मुद्दे पर मांगा जवाब
सदस्य रघुराम शर्मा ने कुलपति से कर्मचारियों के आवास के लिए यूजीसी द्वारा दिये गये 2 करोड़ 16 लाख रुपये का हिसाब मांगा. उन्होंने कहा कि चार साल से पहले से यह पैसा पड़ा है. आखिर निर्माण कार्य क्यों नहीं हुआ. जो पैसा था, वह खर्च हुआ नहीं और कर्मचारियों के आवास के लिए नया प्रस्ताव बजट में रख कर यूनिवर्सिटी किसे भरमाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कर्मचारियों के प्रमोशन, ग्रेड पे आदि का मामला भी उठाया.
प्रस्ताव नहीं, काम हो
पूर्व रजिस्ट्रार व हिंदी के प्रोफेसर बलराम तिवारी ने यूजीसी फंड के नहीं खर्च होने के संबंध में सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार को प्रस्ताव ही भेजा जायेगा या फिर काम भी होगा. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के खाते में साढ़े तीन करोड़ रुपये 11वीं पंचवर्षीय योजना के पड़े हैं, जो मार्च में लैप्स कर जायेंगे. यूटिलाइजेशन नहीं भेजे जाने की वजह से यूजीसी से सात करोड़ रुपये और मिल सकते थे, जो नहीं मिले.
उन्होंने कहा कि अब सिर्फ एक महीने शेष बचे हैं. जो काम इतने वर्षो में नहीं हुए उसे यूनिवर्सिटी एक महीने में कैसे करेगी. उन्होंने कहा कि वीसी सिर्फ एक्सप्लेनेशन और सो काउज पूछने के लिए है कि विवि के प्रति उनकी कोई जिम्मेवारी भी है. इस पर वीसी का जवाब था हम नियम के अनुसार ही काम कर सकते हैं. पुराने जितने भी काम हुए हैं उनमें काफी कंपलिकेशंस हैं, उनकी जांच के बाद ही खर्च किया जा सकता है. वीसी ने कहा कि पैसा लैप्स नहीं करेगा सरकार के खाते में ही जायेगा. सदस्य विजय कुमार ने प्राचीन इतिहास के भवन को खंडहर में बदल जाने का मामला उठाया. उन्होंने यह भी कहा कि यहां दस में सिर्फ एक शिक्षक बच गये हैं.
देर से नोटिफिकेशन क्यों
एमएलसी अशोक चौधरी और नीरज कुमार ने विधान परिषद के पत्र भेजने के बाद भी दो महीने तक सीनेट सदस्य के रूप में नोटिफिकेशन नहीं जारी करने का मामला उठाया. दो दिनों में प्रश्न तैयार करने और भेजने के लिए समय दिया गया यह कहां तक उचित है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं जो कुलपति को गाइड कर रहे हैं कुलपति भी सिर्फ उन्हीं की बात सुनते हैं. इससे विवि का विकास प्रभावित हो रहा है. हॉस्टल बंद हैं.
बीएन कॉलेज और पटना कॉलेज के भवनों की स्थिति जर्जर हो चुकी है. उन्होंने कुलपति को सारे हॉस्टलों का दौरा करने की नसीहत दी. नीरज कुमार ने कहा कि सिक्यूरिटी गार्ड के लिए उन्होंने किसी से अप्रुवल लेना गंवारा नहीं समझा.
कहां गयी जांच रिपोर्ट
बीएन कॉलेज, वाणिज्य कॉलेज, मगध महिला कॉलेज में प्राचार्य की बहाली को लेकर जो कागजात विवि से गायब हुए थे, उसको लेकर विवि के द्वारा एक जांच कमेटी बनायी गयी थी. सीनेट सदस्य विजय कुमार ने यह सवाल उठाया कि अब तक जांच की रिपोर्ट क्यों नहीं आयी. बैठक में छात्रों के मुद्दे गौण रहे. छात्र संघ के किसी भी सदस्य को बैठक में नहीं बुलाया गया था. इसका सीनेट सदस्य पप्पू वर्मा ने विरोध भी किया.
लाठीचार्ज के विरोध में आज और कल प्रतिरोध दिवस
पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ और छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर एआइएसएफ ने शुक्रवार से दो दिवसीय प्रतिरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है. लाठी चार्ज में राज्य सचिव सुशील कुमार,राज्य कार्यकारिणी सदस्य विकास झा,पटना जिला सचिव रूपेश कुमार,राज्य परिषद् सदस्य रजनीश कुमार व वीरेंद्र कुमार समेत दर्जनों छात्र नेता चोटिल हुए हैं. उनका निजी अस्पताल में इलाज कराया गया. राज्य उपाध्यक्ष निखिल कुमार झा ने कहा कि दमन से आंदोलन थमेगा नहीं बल्कि और उग्र होगा.
प्रदर्शन में राज्य सचिव मंडल सदस्य हरेंद्र पंडित, राज्य पार्षद सुशील उमाराज, जिला उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र प्रणय, पटना विवि उपाध्यक्ष प्रभात कुमार,राजीव कुमार,शुभम कुमार देव व मुरारी समेत दर्जनों छात्र शामिल रहे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement