पटना: वाद-विवाद की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी ने कहा कि मिड डे मील खाने से हुई बच्चों की मौत के मामले में सरकार अपनी जिम्मेवारी से नहीं भाग सकती है. सरकार को अस्थिर करने में भाजपा का नहीं, बल्कि उनके विधायकों का ही हाथ होगा. शिक्षा मंत्री पीके शाही को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. जब वाहवाही की बात आती है, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका श्रेय लेते हैं.
जब बच्चों की मौत हुई, तो विफलता का दोष मंत्री पर छोड़ रहे हैं. उन्होंने डीआइजी व कमिश्नर की जांच रिपोर्ट जारी नहीं करने पर सरकार की आलोचना की. कहा, भाजपा के सरकार से अलग होने के बाद दो ऐसी बड़ी घटनाएं हुईं. बोधगया आतंकी हमला व छपरा मिड डे मील कांड. इससे बिहार की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई है. उन्होंने बच्चों को इलाज के लिए पीएमसीएच लाने में 14 घंटे लगाने पर मुख्यमंत्री से सदन में जवाब देने के लिए कहा.
स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव व इलाज में लापरवाही की जांच कराने की मांग की. साथ ही कहा कि मरनेवाले 23 बच्चों में सभी जाति-धर्म के बच्चे शामिल हैं, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. बिना जांच के किसी व्यक्ति को दोषी करार नहीं दिया जाना चाहिए. अर्जुन राय खुद उस दिन बीमार बच्चों को लेकर अस्पताल जा रहे थे.